20 में काम पूरा, 62 टन क्षमता के साथ ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू
इंदौर। शहर में कोरोना की दूसरी लहर पर नियंत्रण के बाद अब संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। हाल में अउर मो. सुलेमान द्वारा ली गई बैठक के बाद बुधवार को अफसरों ने सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति जानी। हालांकि शुरूआती दौर में 4 अस्पतालों के प्लांट को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। अधिकारियों का फोकस इस बात को लेकर है, दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के चलते जो भयावह स्थिति बनी थी, वह न बने। अब तक 20 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट इंस्टॉल हो गए हैं, जिनसे 62 टन ऑक्सीजन सप्लाई शुरू हो गई है।
ऑक्सीजन की उपलब्धता के मामले में कलेक्टर मनीषसिंह ने व्यवस्थाएं जुटाने, निगरानी और तैयारियों के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी में अऊट अभय बेड़ेकर, डॉ. निशांत खरे समेत अन्य अधिकारी हैं। इसके पूर्व मंगलवार को कलेक्टर ने चाचा नेहरू अस्पताल का दौरा किया था। इसमें पाया था, 400 डॉक्टरों व नर्सों को मास्टर ट्रेनर्स के रूप में तैयार किया जा चुका है, जबकि अन्य प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों को ट्रेंड किया थाना था। बहरहाल, ऑक्सीजन के मामले में कमेटी ने बुधवार को सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में जाकर ऑक्सीजन प्लांट व अन्य व्यवस्थाओं की स्थिति जानी।
सरकारी एमटीएच में 300 लीटर प्रति मिनिट का प्लांट शुरू
दोपहर 1.30 बजे टीम एमटीएच पहुंचकर यहां स्थापित ऑक्सीजन प्लांट का जायजा लिया। टीम ने प्लांट की क्षमता, ऑक्सीजन सप्लाय आदि की स्थिति जानी और एक्सपर्ट टीम से उसे संचालित करवाया। अभी यहां 300 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन निर्मित हो रही है। डॉ. निशांत खरे ने बताया, प्लांट अच्छी हालत में है। अभी यहां तकनीकी परेशानी नहीं है। गौरतलब है, दूसरी लहर में इस अस्पताल में भी काफी दबाव था। वहीं टीम ने खुडैल क्षेत्र स्थित इंडेक्स हॉस्पिटल का दौरा किया। यहां मरीजों की क्षमता को देखते हुए बड़ा ऑक्सीजन प्लांट लगाया है। यहां 1700 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन निर्मित हो रही है। टीम ने पाया कि अब यहां भर्ती मरीजों को भी इसी प्लांट की ऑक्सीजन दी जा रही है।
अब बाहर से ऑक्सीजन नहीं खरीद रहा एसएनजी हॉस्पिटल
इसके पूर्व टीम ने तुकोगंज क्षेत्र स्थित एसएनजी हॉस्पिटस दौरा किया। यहां 300 लीटर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है, जो चालू हालात में हैं। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि प्लांट स्थापित होने से अब उन्हें ऑक्सीजन बाहर से खरीदनी नहीं पड़ रही है। इसी प्लांट से निर्मित ऑक्सीजन मरीजों को दी जा रही है।
दूसरी लहर में करीब 15 दिन तक लोगों को ऑक्सीजन कमी से जूझना पड़ा था। तब पीक टाइम के दौरान एक दिन में 135 मीट्रिक टन की जरूरत पड़ी थी। इसे देखते हुए तीसरी लहर में इससे ज्यादा ऑक्सीजन की तैयारियां करने को कहा गया है, क्योंकि इंदौर में दूसरे जिलों के भी मरीज काफी संख्या में आते हैं। इस अनुपात में ऑक्सीजन की उपलब्ध हो, इसे लेकर तैयारियां चल रही हैं। वैसे शहर की खुद की क्षमता पहले 10 से 15 मीट्रिक टन थी, जो 30 मीट्रिक टन कर ली गई थी। इसी कड़ी में अब अधिकांश प्राइवेट अस्पताल 60 मीट्रिकटन क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं, जो फिर 90 मीट्रिक टन हो जाएंगे।
इंदौर
अफसरों ने जाने 4 अस्पतालों के हालात
- 22 Jul 2021