Highlights

राज्य

अब आर्मी वर्म का खतरा

  • 20 Jul 2021

छिंदवाड़ा । इस शहर को कॉर्न सिटी के रूप में पहचाना जाता है, लेकिन अब कारणों सिटी में मक्के की फसल की दुर्गति हो रही है दरअसल पिछले दो-तीन सालों से अच्छे समर्थन मूल्य ना मिलने और आर्मी वर्म के प्रकोप के कारण किसान मक्के की फसल से मोहभंग करने लगे हैं। हालांकि इस बार किसानो के द्वारा बड़े स्तर में मक्का फसल की बोवनी की गई है । लेकिन मक्का फसल किसानो के लिए चिंता का सबब बनते दिख रही है। पिछले तीन वर्षो से मक्का फसल में फॉल आर्मी वर्म कीट डंक मार रही है ।जिसके चलते किसानों को छति का सामना करना पड़ रहा है। इस वर्ष भी किसान संकट में फसते दिख रहे है। दरअसल एकाएक वर्षा थमने के चलते मक्का सोयाबीन, कपास सहित दलहन फसलों नुकसान पहुंचा फसलों को है। जबकि अब मक्का फसलों पर फाल आर्मी वर्म का प्रकोप छा गया है । फाल आर्मी वर्म के कीट मक्का फसलों को तेजी से चट करने में जुटे हुए है । जिसको लेकर कृषि विभाग अब तक सक्रिय नहीं हुआ है। ऐसे में किसान खासे परेशान है। आलम यह है कि कॉर्न सिटी के रूप छिंदवाड़ा को पहचान दिलाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियो ने करोड़ो रुपए फूंकदिया। बावजूद इसके मक्का उत्पादक कृषको को न तो मक्के का उचित दाम मिल पाया है ना ही रोगो के प्रकोपों से मक्का फसलों को बचाने शासन-प्रशासन स्तर में कोई पहल की जा रही है। जबकि दो वर्ष पूर्व शासन द्वारा फाल आर्मी वर्म के प्रकोप से मक्का फसलों को बचाने शासन द्वारा किसानो को सब्सीडी में दवा भी उपलब्ध कराई गई थी, किन्तु गत वर्ष से शासन द्वारा मक्का फसल से अपना मुँह मोड़ लिया गया है । जिसका खामियाजा जिले के किसानो को भुगतना पड़ रहा है
ढाई लाख हैक्टेयर में बोवनी
जिले में खरीफ सीजन में मक्का मुख्य फसल के रूप बोई जाती है । ऐसे में मक्का फसल का रकवा भी अधिक होता है ।इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा मक्का फसल के लिए ढाई लाख हैक्टेयर रकवा निर्धारित किया गया है । तो वही अब तक 95 फीसदी क्षेत्र में फसलों की बोवनी हो चुकी है किन्तु किसान अब फसलों को बचाने जद्दोजहद कर रहे है।