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इंदौर

अब इन्वेस्टमेंट सलाहकार का सेबी(SEBI) में रजिस्टर्ड होना हुआ अनिवार्य

  • 27 Oct 2021

वृद्ध और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी से इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध प्रशासन हुआ सख्त।
इंदौर। कलेक्टर मनीष सिह के निर्देशानुसार देर रात एडवाइजरी  कम्पनियों पर छापामारी और गिरफ़्तारी की कार्यवाही की गयी एवं कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि अनरजिस्टर्ड फाइनेंशियल सलाहकारों किसी भी प्रकार का कोई लेन-देन ना करे।
अब अवैधानिक रूप से इन्वेस्टमेंट के लिए चलायी जा रही फाइनेंशियल एडवाइजरी कंपनियों पर प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा। कलेक्टर के निर्देश पर एडिशनल एसपी श्री राजेश रघुवंशी तथा एसडीएम श्री अंशुल खरे की प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने कल देर रात ऐसे ही धोखाधड़ी की एक कंपनी में छापामार कार्रवाई की और आरोपियों के विरुद्ध एफ़आइआर दर्ज कर गिरफ्तारी भी की। ज्ञात है कि इंदौर के टेलीफोन नगर निवासी 66 वर्षीय वृद्ध एवं सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी द्वारा कलेक्टर को दी गई लिखित शिकायत में बताया गया था कि इंदौर में स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी को चला रहे अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट सलाहकार पंकज पांचाल एवं शुभम भावसार द्वारा उनके साथ स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर लगभग 25 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई है। कलेक्टर द्वारा इसकी जांच करवाई गई। जिसमें पाया गया कि पंकज पांचाल एवं शुभम भावसार अनैतिक रूप से लाखों रुपए की धोखाधड़ी का कार्य कर रहे हैं। और दोनों आरोपी सेबी(SEBI) में रजिस्टर्ड नहीं है ,ना ही उनके द्वारा सेबी(SEBI) द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों का पालन किया जा रहा है। दोनों आरोपियों ने पीड़ित के साथ जालसाजी करके उनकी सेवानिवृत्ति पर प्राप्त धन को दुगना करने का झांसा देकर पैसे की धोखाधड़ी की। पीड़ित का डीमैट अकाउंट खुलवा कर खुद ही उसे ऑपरेट किया जो कि नियमों के विरुद्ध है। सेबी(SEBI) की पकड़ से बचने के लिए आरोपियों द्वारा वेबसाइट का निर्माण ना करते हुए व्यक्तिगत रूप से निवेशकों को ढूंढ के निवेशकों के साथ ठगी की जा रही है।कल देर रात दोनों आरोपियों को पकड़कर उनके विरुद्ध कनाडिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। 
कलेक्टर मनीष सिंह ने समस्त जिले वासियों से अपील की है कि किसी भी अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट सलाहकार के झांसे में ना आए। इन्वेस्टमेंट सलाहकार का सेबी(SEBI) में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। साथ ही सेबी(SEBI) द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों के अनुरूप कस्टमर की फाइल संधारण करना, कर्मचारियों का केवाईसी, रिस्क एसेसमेंट एवं सूटेबिलिटी एसेसमेंट का पालन करना आवश्यक है। यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा खुद को बिना किसी प्रमाण पत्र या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के फाइनेंसियल इंटरमीडियरी बताया जाता है तो उस पर विश्वास ना करें और तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें।