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इंदौर

अब जोर पकडऩे लगा चुनाव प्रचार- दोनों दलों के महापौर और पार्षद पद के प्रत्याशी मतदाताओं को साधने में लगे

  • 21 Jun 2022

चुनाव मैदान में उतरने वाले निर्दलीय उम्मीदवार भी बनाने लगे रणनीति
इंदौर। नगर निगम चुनाव के लिए अब चुनाव प्रचार जोर पकडऩे लगा है। दोनों ही दलों के महापौर और पार्षद पद के प्रत्याशी मतदाताओं के बीच जाकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं। उधर, निर्दलीय और अन्य पार्टियों के उम्मीदवार भी अपनी-अपनी चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। सभी का प्रयास है कि जितना हो सके उतना मतदाताओं से संपर्क कर उनसे जीत का आशीर्वाद लें।
हालांकि कांग्रेस द्वारा संजय शुक्ला को पहले से ही महापौर पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया था इसके चलते वे चुनावी जनसंपर्क में आगे हैं, जबकि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 के वार्ड 70 आदर्श इंदिरा नगर से कल भाजपा के महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव ने प्रचार अभियान की शुरूआत की। अपने चुनाव प्रचार का पहला प्रचार शंखनाद धार रोड स्थित स्वामी नारायण मंदिर के सामने से शुरूआत की। अपने बचपन के गृह क्षेत्र आदर्श इंदिरा नगर पहुंचे तो लोगों को भी उत्साह था कि हमारे बचपन का यह युवा अब इंदौर के प्रथम नागरिक बनने की जुगत में चुनाव लड़ रहा है। वार्ड 70 के कई क्षेत्रों में आज भार्गव द्वारा जनसम्पर्क किया गया। इस दौरान बड़ी तादाद में भाजपाई मौजूद थे, जिनमें विधायक मालिनी गौड़, मंडल, वार्ड, पदाधिकारी की भी मौजूदगी रही।
उधर, कांग्रेस के प्रत्याशी संजय शुक्ला ने भी ही जनसंपर्क के लिए कार्यकर्ताओं की फौज के साथ मैदान संभाल लिया और आमजन के बीच आशीर्वाद लेने पहुंचे। जगह-जगह पर शुक्ला का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया तो, वहीं लोगों ने उन्हें जीत का अशीर्वाद दिया।
दोनों प्रत्याशियों में कितनी समानताएं मिलती है  -  
शुक्ला के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है तो भार्गव सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे हैं।
- उम्र के मामले में पुष्यमित्र भार्गव से संजय शुक्ला काफी बड़े है।
- शिक्षा के मामले में भार्गव आगे है। उन्होंने महापौर चुनाव लडऩे के लिए अतिरिक्त महाविक्ता पद से इस्तीफा दिया  है।
- दोनों ही ब्राह्मण समाज से आते है।
- सम्पत्ति की बाते करे तो कांग्रेस प्रत्याशी अरबपति है तो  पुष्यमित्र भार्गव करोड़पति है।
- दोनों  की राजनीति पष्टभूमि अलग अलग है।
- संजय विधानसभा क्षेत्र क्रंमाक 1 से चुनाव हार गए, किन्तु पलटवार कर इसी क्षेत्र से 2018 में विधायक चुने गए।
- जबकि पुष्यमित्र भार्गव ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा। वे केवल अखिल भारतीय विद्यार्थि परिषद के संगठन मंत्रीवो इंदौर संयोजक रहे। भाजयुमो की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्यभी रहे है।
 अपराध से जुड़े दो मामलों में टिकिट बदलने पर सीएम ने दी सफाई
स्थानीय निकाय चुनाव की प्रकिया शुरू होने के बाद सियासी समीकरण बनाने में राजनीतिक पार्टियों जुटी है। साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान आरोप - प्रत्यारोप का दौर भी शुरु  हो गया है। इंदौर में अपराध से जुड़े दो  मामले में सामने आए है।  भाजपा ने परिवार की आपराधिक पृष्टिभूमि होने से महिला प्रत्याशी का टिकिट निरस्त कर दिया। वहीं कांग्रेस ने भी ऐनवक्त पर पार्षद प्रत्याशई को बदल दिया। इन दोनों ही मामलों में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अलग अलग सफाई दी है। कांग्रेस के मामले में उन्होंने कहा कांग्रेस ने राजनीति का अपराधीकरण कर अपराधियों को जनप्रतिनिधि बना दिया। जबकि भाजपा के मामले में उन्होंने सफाई दी गुंडे - बदमाशों का पार्टी में कोई स्थान नहीं है।  इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भोपाल में कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा स्वच्छ राजनीति की पक्षधर है। दरअसल, पार्टी ने इंदौर में पार्षद उम्मीदवार को बदल दिया। जिसको लेकर सीएम का बयान सामने आया। बताया गया है कि , मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीति का अपराधीकरण किया। अपराधियों को ही जनप्रतिनिधि बना दिया। भाजपा स्वच्छ राजनीति की पक्षधर है। हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी का निर्देश है कि राजनीति का अपराधीकरण नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि जैसे ही इंदौर का टिकट संज्ञान में आया कि किसी अपराधी के परिवार को टिकट मिला है तुरंत उस टिकट को वापस लिया। यदि आगे भी ऐसी कोई बात संज्ञान में आएगी, तो यह बात पक्की है कि भाजपा किसी आदतन कुख्यात अपराधी को जनप्रतिनिधि के पद पर प्रतिष्ठित नहीं करेगी।
12 पार्षद प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इंदौर नगर निगम क्षेत्र में महापौर तथा पार्षद पदों के लिये प्राप्त नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा  (जांच) का कार्य आज किया गया। संवीक्षा के दौरान 12 नाम निर्देशन पत्र को निरस्त किया गया। जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन उम्मीदवारों के नाम निर्देशन पत्र निरस्त हुये है उनमें वार्ड क्रमांक-14 सेी नितीन जैन, 16 से  सुरज तंवर, 17 से  राजकुमार अमझेरिया, 35 से सुनील पटेल, 45 से  रेखा रमन कैरो, 46 से  रचना नागवंशी, 47 से  श्री भगवतसिंह कटारिया,  50 से महेश जोशी,  61 से वैशाली वर्मा, 65 से गोपाल कोड़वानी और  हिमांशु यादव तथा 76 से रेखा थाटे शामिल है।                               ।
बदला जा  सकता है वार्ड 66 का टिकिट
नगर निगम चुनाव में टिकिट न मिलने से नाराज दावेदारों का अभी भी गुस्सा शांत नहीं हुआ है। भाजपा के कई नेता टिकिट वितरण से नाराज है। विरोध का एक  मामला वार्ड 66 से आया है। इस वार्ड से महिला प्रत्याशी कंचन गिदवानी को टिकिट दिया गया है। कार्यकर्ताओं ने कहा की ये टिकिट सांसद शंकर  लालवानी ने दिलवाया है। इसी से गुस्साएं इसी वार्ड  के 23 कार्यकर्ताओं ने अपनी  ही पार्टी की प्रत्याशी के  खिलाफ 22 नामांकन पत्र जमा कर दिए है। यह मामला प्रदेश अध्यक्ष के पास पहुंच गया है। उन्होने कहा की अगर किसी ने अधिकृत प्रत्याशी  के खिलाफ परचा भरा  तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएंगी। जानकारी के मुताबिक वार्ड क्रमाक 66 में सांसद शंकर लालवानी ने स्थानीय कार्यकतार्ओं और दावेदारो की बजाय अपनी पसंद के टिकिट जोर देकर करवा लिए। लालवानी के कहने पर  टिकिट कंचन गिडवानी को मिला है। गिडवानी 66 नम्बर वार्ड से जहां से एक दो नही 23 नेताओ में परचे दाखिल कर दिए है। बताया गया है कि  गिडवानी वाला वार्ड अनारक्षित था और यहां से किसी पुरुष दावेदार के टिकट की पक्की उम्मीद थी लेकिन टिकिट फिर से गिडवानी को दे दिया गया। सासंद के खिलाफ खुले मोर्चे के बाद पार्टी सूत्रों का कहना है वार्ड 66 का टिकिट बदला जा सकता है। भाजपा प्रत्याशी गिडवानी के खिलाफ उन्हीं के नाराज 23 कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय फार्म जमा किए है।