खंडवा(निप्र)। खंडवा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खालवा परिसर में अंधविश्वास का खुला खेल खेला गया। अस्पताल में तेज आवाज में मंत्रों की गूंज सुनकर लोगों की भीड़ लग गई। अस्पताल के बाहर एक बुजुर्ग सर्पदंश से पीड़ित का मंत्रों से उपचार कर रहा था।
बुधवार सुबह 10 बजे सर्पदंश से पीड़ित 25 वर्षीय जितेंद्र पुत्र संतोष लौवंशी निवासी मोहन्याढाना को उपचार के लिए एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया था।
अस्पताल परिसर में ही झाड़ फूंक-
उसे ड्यूटी डाक्टर ने प्राथमिक उपचार कर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया था, लेकिन स्वजनों ने पास ही गांव के जुनापानी निवासी रामसिंग नामक झाड़-फूंक करने वाले बुजुर्ग को ले आए और अस्पताल परिसर में ही झाड़ फूंक शुरू कर दिया।
सहायक उपनिरीक्षक ने दी समझाइश-
अस्पताल में मंत्रों की आवाज सुन देखने वालों की भीड़ लग गई। तभी मौके पर पहुंचे सहायक उपनिरीक्षक संजय अहीर ने स्वजनों और झाड़-फूंक करने वाले को समझाइश देकर जिला चिकित्सालय रेफर करवाया।
जिला अस्पताल में भी झाड़-फूंक-
इसके बाद भी स्वजन इलाज और डाक्टरों पर विश्वास न करते हुए झाड़-फूंक करने वाले ओझा को साथ में जिला चिकित्सालय ले गए । यहां भी फिर मंत्रों से झाड़-फूंक की गई।
अंधविश्वास की पहली घटना नहीं
आदिवासी विकासखंड में अंधविश्वास के चलते झाड़-फूंक की यह पहली घटना नहीं है। इसके पूर्व भी सर्पदंश, कुपोषण यहां तक कि कोरोना संक्रमण में भी झाड़-फूंक के मामले सामने आ चुके हैं। झाड़-फूंक के अलावा आदिवासियों द्वारा बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए पेट में गर्म लोहा दागने चचुआ की परंपरा भी अंचलों में अभी भी देखने को मिलती है।
खंडवा
अस्पताल में अंधविश्वास का खुला खेल, सर्पदंश पीड़ित को टोने- टोटके से ठीक करने की कोशिश
- 20 Jul 2023