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मोहाली

अंतरराज्यीय चोर गिरोह के नौ शातिर गिरफ्तार, 52 लग्जरी कारें बरामद

  • 19 Aug 2021

मोहाली (पंजाब)। पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने 100 से ज्यादा कारें चोरी की हैं। अब तक हुई पूछताछ के हिसाब से गिरफ्तार किए गए नौ शातिरों के सहयोगियों में 13 और लोगों को नामजद किया जा चुका है। इनकी गिरफ्तारी अभी होनी बाकी है। वहीं, इनके पकड़े जाने से कई और केस सुलझने की उम्मीद है।
मोहाली पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के ऐसे नौ शातिरों को गिरफ्तार किया है, जो लग्जरी गाड़ियां चुराकर बेचते थे। इनसे 52 कारें बरामद हुई हैं। गिरोह का जाल पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और यूपी के कई शहरों में फैला था। शातिरों की पहचान राजमीत सिंह निवासी विकास पुरी दिल्ली, चनप्रीत सिंह निवासी दिल्ली, गिरीश बैंबी उर्फ गैरी निवासी भिंखीविंड तरनतारन, मनिंदर सिंह निवासी हरगोबिंद एवेन्यू अमृतसर, हरजोत सिंह निवासी रियासत एवेन्यू घनूघर वाले अमृतसर, राजेश कुमार निवासी लुधियाना, परगट सिंह निवासी अर्बन स्टेट पटियाला, सतवंत सिंह उर्फ बिट्टू निवासी पटियाला और करमजीत सिंह निवासी पटियाला के रूप में हुई है। बलौंगी थाना पुलिस ने इनके खिलाफ केस दर्ज किया है। 
एसएसपी सतिंदर सिंह ने बताया कि पूछताछ के बाद इन शातिरों से 35-40 गाड़ियां और बरामद होने की उम्मीद है। पुलिस ने शातिरों को मोहाली स्थित वाईपीएस चौक, अमृतसर और पटियाला से गिरफ्तार किया है। इसके बाद इनकी निशानदेही पर उक्त कारें बरामद कीं। इस गिरोह के शातिरों पर बलौंगी थाने और सीआईए थाने में भी आपराधिक वारदातों में केस दर्ज हैं। 
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आरोपी हरजोत सिंह ने बीटेक इलेक्ट्रॉनिक की पढ़ाई की हुई है। जबकि राजेश कुमार 8वीं कक्षा तक पढ़ा है। पुलिस जांच में सामने आया है कि सभी आरोपी ज्यादातर लग्जरी कारें ही चुराते थे। इसके बाद उन पर हादसों में क्षतिग्रस्त हो जाने वाली कारों के नंबर लगाकर बेच देते थे। शातिरों ने मनदीप सिंह उर्फ बाबा निवासी दिल्ली के साथ मिलकर चोरी की कारों को पंजाब के अलावा पांडव नगर, पुणे, महाराष्ट्र और बिहार में भी बेचा है। मनदीप सिंह पुणे में हुई चोरी की वारदातों में भी सक्रिय रहा है।
शातिर कारें चुराने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते थे। स्केल से कार का शीशा खोलते या फिर पिछली खिड़की का शीशा तोड़कर गाड़ी  अंदर से खोलते थे। इसके बाद जीरो किया हुआ इंजन कंट्रोल मॉड्यूल (इसीएम) का इस्तेमाल करके गाड़ी स्टार्ट कर लेते थे। चोरी की गई गाड़ी का ईसीएम डी कोड करके अगली गाड़ी चोरी कर लेते थे। पहले भी इनके पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस प्राप्त हो चुकी है।