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इंदौर

अंधेकत्ल का खुलासा, भाई और भांजे ने की थी हत्या

  • 20 Jul 2021

इंदौर। समीपस्थ महू में छह दिन पूर्व एक कमरे में मिले युवक केपांच दिन पुराने शव के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। युवक की उसके ही छोटे भाई ने भांजे के साथ मिलकर हत्या कर दी। कमरे में शव होने की जानकारी पांच दिन बाद बदबू आने पर लगी। पुलिस ने पूछताछ व सीसीटीवी कैमरे की मदद से दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने जुर्म कबूल करते हुए कहा कि पैसे नहीं देने पर हत्या की।
एएसपी पुनीत गेहलोत ने बताया कि 14 जुलाई को सिमरोल रोड बंगला नंबर 125 में किराए से रहने वाले एक युवक का शव कमरे में मिला था। उसकी शिनाख्त संजीत पुत्र कन्हैयालाल उम्र 34 साल के रूप में हुई। शव पांच दिन पुराना था जो सड़ गया था। शव के पास एक हथौड़ी मिली व सिर पर चोट के निशान मिले। पुलिस ने आसपास के रहवासियों से पूछताछ की तो पता चला कि संजीत अंतिम बार आठ जुलाई को दिखा था। पुलिस ने अलग-अलग टीम बना कर जांच शुरू की व पास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले। इसमें आठ जुलाई को दो युवक भाई दीपक शर्मा तथा भांजा लक्ष्मण संजीत केसाथ दिखाई दे रहे हैं। तीनों ने शराब की तथा देर रात को उसका वाहन लेकर जाते हुए नजर आए। संजीत के महू निवाासी दो अन्य भाइयों से इनकी जानकारी ली व तलाश शुरू की तो पता चला कि वे अपने मूल निवास बिहार के जिला मोतीहारी चले गए।
पुनीत गेहलोत ने बताया कि एसडीओपी विनोद शर्मा के निर्देशन व टीआई दिलीप पुरी के नेतृत्व में टीम का गठन कर एक टीम को बिहार भेजा जहां से पता चला कि दोनों आरोपित वहां नहीं हैं। चूंकि नेपाल की बार्डर पास ही है तो पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से नेपाल बार्डर पर दबिश दी जहां दोनों आरोपित दीपक व लक्ष्मण पकड़ में आ गए। दोनों नेपाल भागने की फिराक में थे। पुलिस इन्हें पकड़ कर ले आई।
पूछताछ में मुख्य आरोपित दीपक ने बताया कि वह बेंगलुरू में एक कंपनी में काम करता था। लाकडाउन के कारण वह यहां आ गया और संजीत के साथ काम करने लगा। इसके पूर्व भाई संजीत को ढाई लाख रुपये दिए थे ताकि घर खरीद कर यहीं रहे, लेकिन संजीत ने न तो घर खरीदा और न ही पैसे वापस कर रहा था। इस बात को लेकर अक्सर विवाद होता था। इसके अलावा साथ में काम करने के बाद भी पैसे नहीं देता था। इससे तंग आकर उसने इस वारदात को अंजाम दिया।
मृतक संजीत की पत्नी जयपुर निवासी है, वह भी पति से विवाद के बाद 15 दिन पूर्व ही मायके चली गई थी। पुलिस मृतक की पत्नी और आरोपित दीपक के संबंधों की भी जांच कर रही है। हत्याकांड के खुलासे में थाना प्रभारी दिलीप पुरी, देवेश पाल, मुकेश कनासिया, अनिल चाकरे, मेहताब सिंह, विजय यादव, राकेश चौहान, केदार, रवि, नीरज यादव, हितेश, धीरसिंह, पवन, शंकरलाल, चंद्रशेखर, ब्रह्मानंद का विशेष योगदान रहा। एसपी पश्चिम ने पूरी टीम को पांच हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।