अगर नहीं लगाया हो तो प्रोत्साहित करें
इंदौर। जिले में भले ही वैक्सीन के पहले डोज का टारगेट 100 फीसदी हो गया हो लेकिन दूसरे डोज के लिए 12 लाख से ज्यादा लोग बचे हैं जो गंभीरता नहीं बरत रहे हैं। इसे देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के इंदौर चेप्टर ने अपने सदस्य डॉक्टरों से अपील की है कि वे किसी भी मरीज को देखने के पहले उसने दूसरा डोज का वैक्सीन लगाया है या नहीं, यह जरूर पूछे। अगर नहीं लगाया है तो उसे प्रोत्साहित करें ताकि मरीज की खुद की और दूसरों के स्वास्थ्य की सुरक्षा पुख्ता हो सके।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुमित शुक्ला व सचिव डॉ मनीष माहेश्वरी ने बताया कि कोरोना अभी गया नहीं है। मास्क, स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा वैक्सीन ही बचाव का सर्वक्षेष्ठ उपाय है। जब तक सरकार कोरोना फ्री इंडिया की घोषणा नहीं करती, तब तक खतरा बरकरार रहेगा।आईएमए टीम की ओर से आमजन से वैक्सीन के दूसरे डोज लगाने में लापरवाही नहीं बरतने की अपील की है। पदाधिकारियों ने बताया कि अभी करीब 12 लाख लोगों को दूसरा डोज लगना बाकी है। शहर के सभी सामाजिक संगठनों को भी वैक्सीन लगाने के लिए जागरूकता के प्रयास करना चाहिए। इंदौर के डॉक्टर्स ने अपने क्लिनिक पर यह प्रयास शुरू कर दिया है
उधर, पूर्व अध्यक्ष डॉ. सतीश जोशी ने सुझाव दिया है स्कूलों में एक सिस्टम ऐसा बनाया जाए कि जब भी बच्चों की ऑफ लाइन क्लासेस पूरी तरह शुरू हो तो पेरेंट्स अपने दूसरे डोज का प्रमाण स्कूल प्रबंधन को उपलब्ध कराएं ताकि संशय दूर हो। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले एक विशेष अभियान के तहत जिले सारे स्कूलों के टीचरों सहित स्टाफ के लिए वैक्सीन सेंटर बनाए गए थे। इसके तहत लगभग सभी स्कूलों का स्टाफ अब वैक्सीनेटेड है जबकि पेरेंट्स के लिए ठोस सिस्टम नहीं है। उनकी केवल लिखित अनुमति के आधार पर ही बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिया जा रहा है।
इंदौर
आईएमए इंदौर की डॉक्टरों से अपील, मरीज को देखने के पहले उससे दूसरे डोज के बारे में पूछें
- 09 Nov 2021