काबुल। अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन का आज एलान हो सकता है। माना जा रहा है कि जुमे की नमाज के बाद ईरान की तर्ज पर तालिबान की ओर से इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। नई सरकार के गठन समारोह के लिए काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन में जश्न की तैयारी भी चल रही है।
सूत्रों की मानें तो खूंखार आतंकी हैबतुल्ला अखुंदजादा ही तालिबानी सरकार का सर्वोच्च नेता होगा। उसका पद राष्ट्रपति से भी ऊंचा होगा और धार्मिक व राजनैतिक प्राधिकारी भी वही होगा। अखुंदजादा ही सेना, सरकार व न्याय व्यवस्था के प्रमुखों की नियुक्ति कर सकेगा।
कंधार से चलेगा राजकाज
अफगानिस्तान में तालिबान का सबसे बड़ा ठिकाना कंधार है। तालिबान के कई बड़े नेता कंधार में ही छिप कर रहते हैं। इसलिए नई सरकार का ज्यादातर कामकाज भी कंधार से ही चलेगा। सर्वोच्च नेता हैबतुल्ला अखुंदजादा यहीं से सरकार का काम-काज देखेगा।
चीन से होगी फंडिंग
तालिबान इस बात को पहले ही कबूल चुका है कि वह नई सरकार को चलाने के लिए चीन पर निर्भर है, क्योंकि चीन ही उसका सबसे भरोसेमंद सहयोगी है। इसलिए माना जा रहा है कि अफगानिस्तान में नई सरकार चीन की फंडिंग से ही चलेगी। पिछले दिनों तालिबान के नंबर दो नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने बीजिंग का दौरा भी किया था और चीन के विदेश मंत्री से बात भी की थी।
गवर्नर के हाथों में होगी प्रांत की बागडोर
तालिबानी नेता समांगनी का कहना है कि नई सरकार में गवर्नर ही प्रांत प्रमुख होंगे। वहीं जिलों में जिला गवर्नर होंगे। इन्हीं के हाथों में अपने-अपने क्षेत्र की बागडोर होगी। समांगनी ने बताया कि तालिबान ने पहले से ही प्रांतों व जिलों के लिए गवर्नरों व पुलिस प्रमुख की नियुक्ति कर दी है।
नई सरकार में महिलाएं भी होंगी शामिल
दोहा में तालिबान के नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने मीडिया को बताया था कि नई सरकार में महिलाओं की भी भूमिका होगी। वहीं सभी कबीलों के सदस्यों को इसमें शामिल किया जाएगा। राष्ट्रीय झंडा व राष्ट्रगान पर अभी फैसला नहीं लिया गया है।
पिछली सरकारों के लेाग नहीं होंगे शामिल
तालिबानी नेता इनामुल्ला समांगनी के मुताबिक, नई सरकार में उन लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा, जो पूर्ववर्ती सरकारों में शामिल रहे हैं। तालिबान का कहना है कि वह सभी देशों से दोस्ताना संबंध स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।
साभार- अमर उजाला