इंदौर। रिश्वत मांगने को लेकर वायरल आडियो रिकार्डिग मामले में मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) ने सोमवार को कार्रवाई कर दी। रिपोर्ट के आधार पर निजी सहायक बीएल वर्मा को दोषी मानते हुए सीसीएफ ने निलंबित कर दिया। वहीं सेवानिवृत्त रेंजर से जुड़े प्रकरणों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं देना पाया गया। वर्मा को मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी कार्यालय में अटैच कर दिया है। वहीं सेवानिवृत्त रेंजर की पेंशन व ग्रेच्युटी की फाइल को जल्द निपटाने के बारे में कहा गया है।
सेवानिवृत्त रेंजर चंद्रशेखर क्षोत्रिय ने पंद्रह दिन पहले आडियो रिकार्डिग वायरल की थी, जिसमें क्षोत्रिय और वर्मा के बीच बातचीत हुई है। महू रेंजर रहने के दौरान क्षोत्रिय को दो नोटिस मिले थे, जिसमें 2019 में उत्तर प्रस्तुत कर दिया था। लेकिन वर्मा एक नोटिस का उत्तर नहीं मिलने की बात कर रहे थे। बातचीत में सीसीएफ के बच्चों को किताबें दिलवाने के नाम पर रुपये मांगे। सात मिनट की यह रिकार्डिग अक्टूबर 2021 की बताई गई है। रिकार्डिग वायरल होते ही मुख्य वन संरक्षक एचएस मोहंता ने नाराजगी जताई। यहां तक कि विभागीय मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी आपत्ति ली।
जांच में मिले दोषी
अधिवक्ता अभिजीत पांडे ने इसकी शिकायत विभाग की सतर्कता शाखा में कर दी। बाद में सीसीएफ ने तीन सदस्यों की समिति बनाकर जांच सौंप दी। इसमें डीएफओ नरेंद्र पंडवा, एसडीओ एके श्रीवास्तव और हेमलता शाह थे। सूत्रों के अनुसार पहले क्षोत्रिय के बयान दर्ज किए गए। यहां तक दोनों नोटिस के जवाब की कापियां भी प्रस्तुत की गईं। बाद में वर्मा से पूछताछ की गई। जांच में अधिकारियों ने दोषी माना है और रिपोर्ट तीन दिन पहले सीसीएफ को सौंप दी। सीसीएफ मोहंता ने कहा कि निलंबन के बाद वर्मा चूंकि वरिष्ठ पद पर पदस्थ है, इसलिए उनका मुख्यालय बदला गया है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त रेंजर का एक प्रकरण पहले खत्म हो चुका था, जबकि दूसरे प्रकरण की जानकारी भोपाल भेजी गई है।
इंदौर
आडियो रिकार्डिंग मामले में निजी सहायक निलंबित, सीसीएफ ने की कार्रवाई
- 11 Jan 2022