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आतंकवादियों को बैन करने वाली कमिटी की में अध्यक्षता में चीन ने डाला अड़ंग

  • 12 Jan 2021

नई दिल्ली। भारत से कूटनीतिक से लेकर आर्थिक और सैन्य मोर्चे पर लगातार मुंह की खा रहा चीन अपनी बेजा हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ड्रैगन ने अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक सब कमिटी में भारत की अध्यक्षता में अड़ंगा लगा दिया है। गौरतलब है कि चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।
जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित होने की टीस से अभी चीन उबर नहीं पाया है। दरअसल, उसकी तमाम कोशिशों के बाद भी भारत अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में सफल रहा था। इस हार के बाद चीन भारत को UNSC में घेरने की गाहे-बगाहे कोशिश करता रहता है। राजनयिक सूत्रों के अनुसार, इस बार चीन ने भारत को आतंकवादियों खिलाफ ऐक्शन लेने वाली एक सब कमिटी की अध्यक्षता करने से रोक दिया है।
भारत ने एक जनवरी को UNSC के अस्थायी सदस्य के तौर पर अपना कार्यकाल शुरू किया था। भारत को काउंटर टेररिजम कमिटी और तालिबान एवं लीबिया प्रतिबंध कमिटी की अध्यक्षता मिली थी। चीन ने बेहद अहम अलकायदा प्रतिबंध कमिटी में भारत की अध्यक्षता को रोक दिया है। इसी कमिटी ने अंतराष्ट्रीय आतंकवादियों मसूद अजहर, हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए थे। UNSC में चीन ही एकमात्र ऐसा सदस्य देश है जो भारत को अलकायदा प्रतिबंध कमिटी की अध्यक्षता का विरोध कर रहा है।
गौरतलब है कि चीन पहले भी कई मौकों पर पाकिस्तान की तरफ से आंतकवादी अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयास में अड़ंगा लगा चुका था। 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने चीन पर दबाव बनाकर अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करवा दिया था।
UNSC के 5 स्थायी सदस्य देशों में से एक राजनियक सूत्र ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि चीन भारत के अलकायदा प्रतिबंध कमिटी की अध्यक्षता करने के खिलाफ है। सूत्र ने कहा, 'यहां चीन की वजह से कमिटी के गठन की घोषणा में देरी हो रही है। हालांकि, भारत काउंटर टेररिजम कमिटी की अगले साल अध्यक्षता करेगा।' चीन के विरोध के कारण ऐसा पहली बार होगा कि तालिबान प्रतिबंध कमिटी और अलकायदा कमिटी की अध्यक्षता अलग-अलग देश करेंगे। भारत तालिबान प्रतिबंध कमिटी की अध्यक्षता करेगा जबकि नार्वे अलकायदा और उससे जुड़े अन्य कमिटी की अध्यक्षता करेगा।
उल्लेखनीय है कि 2011 में अलकायदा और तालिबान कमिटी को दो हिस्सों में बांटा गया था। उस समय से जो भी देश तालिबान प्रतिबंध कमिटी की अध्यक्षता करता रहा है वही अलकायदा कमिटी का भी चीफ होता है। इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने इस दौरान अलकायदा और उससे जुड़ी कमेटियों की अध्यक्षता कर चुका है।
अलकायदा कमिटी की अध्यक्षता भारत के लिए काफी अहम होता क्योंकि इस कमिटी के पास आंतकवादी संगठन और किसी शख्स पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार होता है। हालांकि भारत के लिए अहम ये भी है कि वह तालिबान प्रतिबंधन कमिटी की अध्यक्षता कर रहा है और इसी दौरान अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया बहाल करने को लेकर बातचीत भी चल रही है।
credit- navbharat times