ग्रामीणों ने कहा- पुलिस जूते-चप्पल मारते हुए चौकी ले गई थी, दूसरे दिन घर में मरा मिला
रायसेन। रायसेन में एक आदिवासी युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। परिजन ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए हैं। परिजन का कहना है कि मंगलवार को पुलिस युवक को जूते-चप्पल मारते हुए चौकी ले गई थी। बुधवार सुबह वह घर में बाहर के कमरे में पड़ा मिला। अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मामला सिलवानी के चैनपुर गांव का है।
जैथारी पुलिस चौकी प्रभारी सत्येंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि मंगलवार शाम को सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर ने फोन पर जानकारी दी कि भजन कार्यक्रम में श्रीराम आदिवासी नशे में गाली-गलौज और अभद्रता कर रहा है। उसे पुलिस चौकी लाए। रात करीब 8:30 बजे उसे पप्पू ठाकुर और मस्तराम आदिवासी को सुपुर्द कर दिया था। वे श्रीराम को बाइक पर बैठाकर ले गए थे। दूसरे दिन उसकी मौत की सूचना मिली। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया। अंतिम संस्कार हो गया है। पुलिस ने मर्ग कायम किया है।
पिता बोले- बेटे को पुलिस ने मार दिया-
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस श्रीराम को मंदिर से स्कूल तक जूते-चप्पल से मारते हुए गाड़ी में बैठाकर चौकी ले गई थी। मृतक के पिता जगमोहन आदिवासी का आरोप है कि मेरे बेटे को पुलिस ने मरवा दिया। श्रीराम खेती करता था। उसकी शादी हो चुकी थी। उससे बड़ा एक भाई है।
गांव के पूर्व सरपंच निरपत सिंह ठाकुर ने बताया, मंगलवार रात को अंधेरे में कब, कितने बजे और कौन श्रीराम को कमरे में छोडक़र चला गया, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। वहीं, सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर का कहना है कि रात 8.30 बजे श्रीराम को बाइक पर बैठाकर गांव के बाहर छोड़ दिया था। सुबह मौत की खबर मिली।
मृतक श्रीराम आदिवासी के परिजन का आरोप है कि पुलिस उसे पीटते हुए चौकी ले गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार-
डॉ. एचएन मांडरे ने बताया कि श्रीराम आदिवासी को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। डॉ. आरएस पटेल और डॉ. अभिषेक ठाकुर के साथ शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। विसरा जांच के लिए लैब भेजा है। पीएम रिपोर्ट आने पर ही मौत का कारण पता चलेगा।
रायसेन
आदिवासी की मौत; परिजन बोले- पुलिस ने मार डाला
- 26 Aug 2023