Highlights

राज्य

आदिवासियों को शराबी कहने पर भड़के भाजपा विधायक

  • 28 Aug 2021

श्योपुर। मुआवजे के रुपयों से आदिवासियों के दारु (शराब) पी जाने के कांग्रेस से श्योपुर विधायक बाबू जंडेल के बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है। विजयपुर से भाजपा के विधायक सीताराम आदिवासी ने उन्हें आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि विधायक जंडेल खुद गांजा पीते हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र के युवाओं को बिगाड़ दिए हैं। वह हमारे समाज को बदनाम न करें।
क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 20 अगस्त को बड़ौदा क्षेत्र के ललितपुरा व बासौंद गांवों का दौरा किया था। इस दौरान बासौंद गांव में हुई सभा में कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने कहा था कि सरकार आदिवासियों को मुआवजे में रुपए देने के बजाए मकान बनाकर सीधे चाबी उनके हाथ में दें। नहीं तो यह उन रुपयों से दारू पी जाएंगे। इस बयान के बाद अब भाजपा से विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक जंडेल हमारे समाज को बदनाम न करें। आज के समय में कौन सा समाज है, जो दारु नहीं पी रहा। विधायक जंडेल खुद नशा करता है और 24 घंटे गांजा के नशे में रहता है। गांजा के अलावा दारू भी पीता है। वह जो बोल रहे हैं, वह गलत है। सबसे ज्यादा नशा तो खुद कांग्रेस विधायक कर रहे हैं। भाजपा विधायक के अलावा भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व पूर्व विधायक बृजराज सिंह चौहान ने भी कांग्रेस विधायक जंडेल के बयान व तहसीलदार भरत नायक के विवाद पर घेरा। उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लालच में विधायक कुछ भी बयान दे रहे हैं। कभी आदिवासी समाज को शराबी कहते हैं तो कभी तहसीलदार से अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हैं। आदिवासी समाज को शराबी कहने से पहले विधायक अपने गिरबां में झांके। जब वह विधायक बने हैं तब से क्षेत्र में नशे का कारोबार बढ़ गया है और युवा स्मैक-गांजे की लत में पड़ रहा है। क्योंकि जब भी किसी नशा कारोबारी पर पुलिस कार्रवाई करती है तो विधायक उनके पक्षधार बनकर खड़े हो जाते हैं और बचा लेते हैं। इसके साथ ही सस्ती राजनीति के लिए उन्होंने बड़ौदा तहसीलदार भरत नायक से अभद्रता की।