इंदौर। नगर निगम हर साल खतरनाक मकानों की सूची बनाता तो है, लेकिन आधे मकान भी ढहाने की कार्रवाई नहीं हो पाती। इस बार भी निगम ने 175 से ज्यादा खतरनाक मकानों की सूची बनाई थी, लेकिन बमुश्किल 50 स्थानों पर दीवार गिराने और छोटे मकानों को तोड?े की कार्रवाई की गई। कई बड़े खतरनाक मकान अभी भी खतरा बने हुए हैं।
नगर निगम के 19 झोनल कार्यालयों द्वारा बनाई गई सूची के आधार पर खतरनाक मकानों को तोडने की कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। शुरूआती दौर में लोहारपट्टी , गोराकुंड, पारसी मोहल्ला, रावजी बाजार, सराफा, आजाद नगर नाले के किनारे और कई स्थानों पर खतरनाक घोषित मकानों को तोडने की कार्रवाई की गई थी, लेकिन गोराकुंड से लेकर कई और स्थानों पर मुख्य मार्ग के खतरनाक मकानों को तोडने की कार्रवाई नहीं हो सकी है। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक 50 से ज्यादा स्थानों पर कार्रवाई की जा चुकी है। कुछ स्थानों पर हुए विवादों के बाद निगम का अमला पुलिस बल लेकर क्षेत्र में कार्रवाई करने जाता है, ताकि विवाद की स्थिति न रहे। अधिकारियों का कहना है कि शेष बचे मकानों को तोडने के लिए पुलिस बल की उपलब्धता न होने और विभिन्न कारणों के चलते मामला अटक गया है। अब जल्द ही फिर से खतरनाक मकान तोड़े जाएंगे।
इंदौर
आधे छोड़े-आधे तोड़े, खतरनाक मकानों पर मुहिम फिर बंद
- 19 Aug 2021