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भोपाल

आधा मध्यप्रदेश बारिश से तर, भोपाल, छिंदवाड़ा, हरदा, श्योपुर में कोटे से दोगुनी बारिश; 14 जिले अब भी सूखे

  • 12 Jul 2022

भोपाल। मानसून ने पूरी तरह से मध्यप्रदेश में अपनी आमद दे दी है, यही कारण है कि आधा मध्यप्रदेश बारिश से तर हो गया है और आधे में बारिश का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यहां पर भी जल्दी ही बारिश होगी।
इन दिनों भोपाल समेत आधे से ज्यादा मध्यप्रदेश में बारिश हो रही है। इनमें भी सबसे ज्यादा चार जिलों यानि भोपाल, छिंदवाड़ा, हरदा और श्योपुर में हुई है। इन जिलों में कोटे से दोगुनी बारिश हो चुकी है। भोपाल में सोमवार को 5 घंटे में सबसे ज्यादा सवा तीन इंच बारिश हुई। इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में भी कोटे से ज्यादा बारिश हुई। इससे पहले छिंदवाड़ा के सौंसर में सबसे ज्यादा 9 इंच बारिश हुई। श्योपुर में सड़कों पर पानी भर गया। बावजूद उत्तरप्रदेश और गुजरात की बॉर्डर से सटे 14 जिलों में सूखा है। इस सीजन में अभी तक सबसे कम बारिश भिंड में महज 2.5 इंच हुई है।
भोपाल में कोटे से दोगुनी बारिश
भोपाल में अभी तक कोटे से करीब दोगुनी बारिश हो चुकी है। सामान्य तौर पर अब तक औसत 10 इंच पानी गिरना चाहिए, जबकि 19 इंच तक बारिश हो चुकी है। इसका कारण मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति है। दरअसल सेंटर में होने के कारण भोपाल पर दोनों तरफ से बंगाल और अरब सागर से आने वाले सिस्टम से बारिश होती है। इसका मतलब बारिश कहीं से भी एंट्री करे, उसका सीधा असर भोपाल पर ही पड़ता है। भोपाल के साथ नर्मदापुरम और ग्वालियर-चंबल बेहतर स्थिति में है। यहां 9 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है। भिंड-दतिया को छोड़ दिया जाए तो सभी जगह स्थिति बेहतर है।
तीन जिलों में राहत की बारिश
बारिश की एंट्री सबसे पहले बैतूल और खंडवा के रास्ते हुई। ऐसा लगा कि जैसे इस बार सबसे ज्यादा बारिश यहीं होगी, लेकिन मानसून ने फिर करवट ली। फिर यही इलाके बारिश के लिए तरसने लगे। इंदौर, उज्जैन और खंडवा में तो राहत की बारिश हो गई, लेकिन गुजरात से सटे झाबुआ, धार, अलीराजपुर, बड़वानी और खरगोन में बारिश का इंतजार है। इसके अलावा भी कई इलाकों में सामान्य से कम बारिश ने चिंता बढ़ा दी है।
यहां सता रही है चिंता
एक तरफ बारिश का दौर चल रहा है, वहीं बघेलखंड, बुंदेलखंड और महाकौशल ने प्रदेश की चिंता बढ़ा दी है। जबलपुर में तो सबसे ज्यादा बारिश हुई, लेकिन अन्य इलाकों में स्थिति बेहतर नहीं है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति बुंदेलखंड और बघेलखंड की है। यहां अधिकांश इलाकों में बारिश बेहद कम हुई है। कई इलाकों में तो 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। सागर ही ऐसा एकमात्र शहर है, जहां पर सामान्य बारिश हुई है।
विदिशा-साढ़े तीन घंटे में 8 इंच बारिश
विदिशा/रायसेन। विदिशा में सोमवार को बारिश ने तबाही मचा दी। साढ़े तीन घंटे में हुई साढ़े आठ इंच तेज बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए। घरों में पानी घुस गया और उफान पर आए नाले में कार व आटो बह गए। कई बस्तियों के मकान भी धराशायी हो गए। लोग बोले- 25 साल में ऐसी बारिश कभी नहीं देखी। वर्ष 2016 में 19 और साल 2020 में 18 सेमी बारिश हुई थी लेकिन इस बार मानो बादल ही फट गए हो। पुलिस लाइन के क्वाटर में पुलिसकर्मी के परिवार फंस गए। एसपी मोनिका शुक्ला खुद बचाव दल के साथ लाइन में पहुंची और फंसे परिवारों का रेस्क्यू किया। वहीं रायसेन में 24 घंटे में 7.2 इंच बारिश से 80त्न शहर जलमग्न हो गया। बाड़ी के पनागर में नदी के बीच फंसे बुजुर्ग को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
नर्मदापुरम में नर्मदा का जलस्तर 2.8 फीट बढ़ा
शहर में रविवार शाम से सोमवार शाम तक 4.4 इंच से अधिक बारिश हुई। निचले इलाकों के घरों में पानी घुस गया। 10 जुलाई को नर्मदा के सेठानी घाट पर 935.50 फीट पानी था। 11 जुलाई को यह 2.80 फीट बढ़कर 938.30 फीट पहुंच गया। सोमवार रात 8 बजे तवा डेम का जलस्तर 1141.50 फीट हो गया। पचमढ़ी और केचमेंट एरिया में बारिश तथा सारणी डैम के गेट खुलने से तवा में पानी तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार सुबह लेवल 1137 फीट था जो 12 घंटे में साढ़े 4 फीट बढ़ गया। सुखतवा पुल पर पानी से रात में 12 बजे से 1:30 बजे तक भोपाल नागपुर नेशनल हाईवे बंद रहा।
छिंदवाड़ा में नागपुर रोड 4.30 घंटे तक बंद रहा
जिले में कई नदी-नालों के उफान पर आने से आम जन-जीवन भी प्रभावित हो गया। सौंसर में 48 घंटों में ही रिकॉर्ड साढ़े 15 इंच बारिश हो गई। सौंसर व आसपास के 50 से अधिक गांव बाढ़ व अतिबारिश से प्रभावित हुए है। सोमवार को छिंदवाड़ा-नागपुर मार्ग पर रामाकोना के पास गहरानाला उफान पर आ जाने से लगभग साढ़े चार घंटे राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहा। 50 से अधिक गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया। नागपुर मार्ग पर ही खुटामा नाले में आई बाढ़ से नाग मंदिर पूरी तरह डूब गया। गहरानाला उफान पर आने से नागपुर मार्ग दोपहर 2.30 बजे बंद हो गया। जो शाम 6 बजे के बाद शुरू हो सका।