( पूरा नाम: 'आनन्द केंटिश कुमारस्वामी', जन्म: 22 अगस्त, 1877 - मृत्यु: 9 सितम्बर 1947)
सुविख्यात कलामर्मज्ञ भारत-चिन्तक थे। इनका जन्म 22 अगस्त, 1877 ई. को कोलुपित्या कोलम्बो (श्रीलंका) में हुआ था। इनके पिता सर मुतुकुमार स्वामी इंग्लैण्ड जाकर बैरिस्टरी पास करने वाले पहले हिन्दू थे। वहाँ उन्होंने ऐलिजाबेथ क्ले नामक अंग्रेज़ महिला से विवाह किया। विवाह के चार वर्ष बाद ही जब कुमार स्वामी केवल दो वर्ष के थे, पिता का देहान्त हो गया। अंग्रेज़ माता ने उनका पालन-पोषण किया।
कुमार स्वामी ने लंदन विश्वविद्यालय से भू-विज्ञान और वनस्पतिशास्त्र की शिक्षा पाई और इंग्लैण्ड के मिनरॉजिकल सर्वे के निदेशक हो गए। 1906 ई. में लंदन से डी.एस.सी करने के बाद उनकी रुचि ललित कलाओं की ओर झुकी और भारत तथा दक्षिण पूर्व एशिया का भ्रमण करके प्राचीन मूर्तियों और चित्रों का अध्ययन करने लगे। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। धर्म, दर्शन, पराविद्या, मूर्ति और चित्रकला, भारतीय साहित्य, इस्लामी कला, संगीत, विज्ञान सभी क्षेत्रों की खोज में उन्होंने अपनी मौलिकता का परिचय दिया। उनकी एक विशिष्ट देन है- कला के सन्दर्भ में उपनिषदों के भावतत्व का निरूपण। 1911 ई. में उन्होंने इंग्लैण्ड में ‘इंडियन सोसायटी’ की नीव डाली। 1917 ई. में वे बोस्टन के ललित कला संग्रहालय के भारतीय विभाग के अध्यक्ष नियुक्त हुए और मृत्युपर्यन्त उस पद पर रहे। न्यूयार्क में भी उन्होंने ‘इंडियन कल्चर सेंटर’ स्थापित किया। भारतीय कला तथा दर्शन पर उन्होंने अनेक महत्त्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की।
व्यक्तित्व विशेष
आनन्द कुमारस्वामी
- 22 Aug 2022