रांची। भाकपा माओवादियों और उग्रवादी संगठनों को हथियार व कारतूस की सप्लाई करने वाले गिरोह की संलिप्तता को लेकर लगातार नए तथ्य सामने आ रहे हैं। एटीएस ने इस मामले में पूर्व में बीएसएफ के 116 बटालियन के फिरोजपुर कैंप के कोत प्रभारी कार्तिक बेहरा को गिरफ्तार किया था। कार्तिक ने पूछताछ में बीएसएफ के आधे दर्जन से अधिक कर्मियों के नाम बताए हैं, जो हथियार व कारतूसों की तस्करी में बीते करीब सात सालों से कार्तिक के सहयोगी रहे हैं।
कार्तिक के कबूलनामें के बाद एटीएस ने संदिग्धों की सूची बीएसएफ को भी दी है। राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, बीएसएफ के द्वारा इस संबंध में कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। कार्तिक के पूर्व इस मामले में एटीएस ने बीएसएफ के ही पूर्व हवलदार अरुण कुमार सिंह और सीआरपीएफ के सिपाही अविनाश कुमार को गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि झारखंड के एक करोड़ के माओवादी इनामी पतिराम मांझी, गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव, अमन साव को हथियार की सप्लाई करने के मामले में एटीएस ने पहले सीआरपीएफ जवान समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में मामले का तार बीएसएफ से भी जुड़ गया।
हथियार सप्लाई करने वाले परशुराम समेत पांच से पूछताछ
झारखंड व बिहार में माओवादियों को हथियार तस्करी करने वाले गिरोह से जुड़े दूसरे मामले में एनआईए जांच कर रही है। एनआईए ने इस मामले में जहानाबाद के परशुराम सिंहि, संजय सिंह, राकेश कुमार, गौतम कुमार, संजय सिंह और दानापुर के मो बदरुद्दीन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। एनआईए ने पूर्व में सभी को गिरफ्तार किया था, इसके बाद इन्हें 10 दिनों के रिमांड पर लिया गया है। एनआईए रांची के डीएसपी सुबोध शर्मा के द्वारा मामले की जांच की जा रही है। अबतक की जांच में यह बात सामने आयी है कि मृत माओवादी अरविंद कुमार सिंह के नेटवर्क को परशुराम सिंह व उसके गिरोह के लोगों के द्वारा हथियार की सप्लाई की जाती थी। जांच में यह बात सामने आयी है कि बंगाल के रास्ते झारखंड के माओवादियों तक परशुराम सिंह के द्वारा हथियार की सप्लाई की जाती थी।
साभार लाइव हिन्दुस्तान