भोपाल, (एजेंसी)। भोपाल से 35 किलोमीटर दूर चिकलोद रेंज के आशापुरी गांव के जंगल में शिकारियों ने गोली मारकर बाघ का शिकार किया। बाघ की स्किन, चार-चार नाखून और दांत ले गए। पंजा शरीर से दूर पड़ा मिला। औबेदुल्लागंज वनमंडल के अफसरों ने बताया कि 14 जुलाई 2024 को आशापुरा बीट में तालाब के पिछले हिस्से में बाघ का शव नाले में उतराता हुआ मिला था। बाघ की नाक के ऊपर, आंखों के नजदीक गोली के छर्रों के निशान थे। साफ था कि बाघ का शिकार किया गया है।
मामले में औबेदुल्लागंज वनमंडल ने 2 आरोपियों शकील और नसीम को गिरफ्तार कर पूछताछ की और कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। आरोपियों से जब्त मोबाइल और दो बंदूकों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। घटना के वक्त दोनों घटनास्थल के आसपास ही मौजूद थे। इनकी मोबाइल लोकेशन से इसकी पुष्टि हुई है।
शरीर से दूर पड़ा था कटा हुआ पंजा
औबेदुल्लागंज डीएफओ एचके रायकवार ने बताया कि आशापुरी गांव के नजदीक तालाब के पठार क्षेत्र में बाघ का कंकाल मिला था। जांच करने पर खुलासा हुआ कि बाघ के चार दांत गायब हैं। इसके अलावा बाघ का एक पंजा शव से कुछ दूरी पर मिला। इस पंजे से चार नाखून भी गायब हैं।
4 गांव के 45 लोगों से पूछताछ, दो गिरफ्तार
अफसरों ने बताया कि मामले में चार गांव आशापुरी, मुरारी, रेसलपुर, चौपड़ा के 45 लोगों से पूछताछ की गई। इसके बाद 13 लोगों से डिटेल पूछताछ की। इन लोगों से मिले इनपुट के आधार पर दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। वन अमले को बाघ से जुड़े फोटो और वीडियो आरोपियों के मोबाइल में मिले हैं। इसलिए दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए लैबोरेटरी भेजा गया है।
बाघ के शिकार की डील के सबूत मिले
अफसर बताते हैं कि आरोपी शकील और नसीम के मोबाइल में बाघ के शिकार को लेकर दूसरे लोगों से हुई बातचीत की रिकार्डिंग मिली है। इसी रिकार्डिंग के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
बंदूकों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा
वन अफसरों ने बताया कि बाघ का शव 7 से 8 दिन पुराना था। मामले में गिरफ्तार नसीम और शकील की मोबाइल लोकेशन घटना के समय आशापुरी बीट में मिली। घटनास्थल से खाली कारतूस अथवा गोली के छर्रे भी नहीं मिले हैं। इसके चलते आरोपियों से जब्त दो बंदूकों को बैलिस्टिक जांच (फोरेसिंक) के लिए लैब भेजा गया है।
6 टीमों ने 24 घंटे की सर्चिंग, पैर से टकराया कंकाल
डीएफओ हेमंत रैकवार के मुताबिक, 13 जुलाई को बाघ के शिकार की सूचना मिली थी। इस पर 6 अलग-अलग टीमों ने आशापुरी के जंगल में सर्च आॅपरेशन शुरू किया। करीब 24 घंटे की मशक्कत के बाद 14 जुलाई को दोपहर 2.30 बजे आशापुरी गांव के तालाब के पिछले हिस्से के पास के बहते हुए नाले में सर्च टीम उतरी।करीब 15 से 20 मिनट बाद टीम जब नाले में बह रहे पानी में पैदल चलकर बाघ के शव को ढूंढ रही थी, तब एक कर्मचारियों के पैर में लकड़ी जैसा कुछ टकराया। जब उसे पानी से निकाल कर देखा, तो वह बाघ का कंकाल निकला। बाघ के कंकाल की बरामदगी के बाद पोस्टमॉर्टम कर उसका अंतिम संस्कार कराया गया।
भोपाल
आशापुरी में बाघ का शिकार, स्किन, चार नाखून और दांत गायब; शरीर से दूर मिला पंजा
- 12 Aug 2024