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आंकडों मे हेराफेरी- कोरोना के कारण 52 बच्चे अनाथ हुए, प्रशासन बता रहा सिर्फ 14

  • 26 Feb 2022

भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों की जानकारी छिपाई जा रही है। इसका खुलासा भोपाल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जिला प्रशासन से मिली जानकारी से हुआ है। जिला प्रशासन ने प्राधिकरण को बताया है कि केवल 14 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता की मौत कोरोना से हुई है। इसमें 5 लड़कियां और 9 लड़के हैं।
हकीकत यह है कि भोपाल में ऐसे 52 बच्चे महिला एवं बाल विकास विभाग ने चिंहित किए है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण से मरने वालों के बच्चों को चिंहित कर अनुग्रह राशि देने के संबंध में राज्य सरकारों को निर्देश दिए है। इसकी निगरानी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सौंपा है। यही वजह है कि प्राधिकरण ने जिला प्रशासन से जानकारी मांगी थी।
सिंगल पैरेंट की तो जानकारी भेजी ही नहीं
प्राधिकरण ने जिला प्रशासन से उन सभी बच्चों की जानकारी मांगी थीं, जिन्होंने अपने माता-पिता या किसी एक को खोया है। लेकिन प्रशासन ने सिर्फ 14 बच्चों की जानकारी भेजी। सिंगल पैरेंट वाले बच्चों की जानकारी भेजी ही नहीं। गौरतलब है कि प्रदेश में ऐसे 524 बच्चे है। जिन्होंने अपने मां या पिता को खोया है।
राशि नहीं मिली तो प्राधिकरण में दें आवेदन
कोरोना से मरने वाले के आश्रितों को यदि अभी तक अनुग्रह राशि नहीं मिली है तो वह इसके संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन दे सकते हैं। इसके लिए उन्हें कब्रिस्तान, विश्रामघाट, अस्पताल का एसएमएस जैसा कोई भी साक्ष्य आवेदन के साथ देना होगा।
कोरोना से अनाथ बच्चों की संख्या काफी ज्यादा
हमने कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत के बाद प्रशासन से उनके आश्रितों (संतान) की जानकारी मांगी थी। जिला प्रशासन ने केवल 14 बच्चों की जानकारी दी है जबकि ऐसे बच्चों की संख्या ज्यादा है। - एसपीएस बुंदेला, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भोपाल