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इंदौर

इलेक्ट्रिक बसें चलाने नगरीय विकास विभाग तैयार करेगा कार्ययोजना

  • 03 May 2024

इंदौर समेत प्रदेश के 6 शहरों में 552 ई-बसें चलाने की हो रही है तैयारी
इंदौर। मप्र सरकार  प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ावा दे रही है। लोकसभा चुनाव के बाद इंदौर समेत प्रदेश 6 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन शुरु होने लगेगा। सरकार ने 6 शहरों में 552 ई-बसें चलाने की तैयारी पूरी कर ली है। साथ ही शहरों में बसें पहुंचाने का काम भी शुरु हो गया है। प्रथम चरण में जिन शहरों का चयन किया गया है उनमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर नगर निगम क्षेत्र शामिल हैं। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर इसी सप्ताह बैठक बुलाई जाने वाली है। इस बैठक में ई-बसों के संचालन की व्यवस्था के साथ एक्सपट्र्स को भी बुलाया जाएगा ताकि हर पहलू पर चर्चा की जा सके।
उल्लेखनीय है की  मोहन यादव कैबिनेट पहले ही फरवरी में पीएम ई बस सेवा के अंतर्गत प्रदेश के 6 बड़े शहरों में इसके संचालन का फैसला कर चुकी है। अब इस योजना में चलाई जाने वाली बसों के आपरेशन और बसों के केंद्र से डिमांड समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के साथ एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार करने को लेकर नगरीय प्रशासन और विकास विभाग सक्रिय हो गया है।
बसों के संचालन को लेकर इसी सप्ताह बैठक
बताया गया है की लोकसभा चुनाव के दौरान चूंकि नीतिगत निर्णय लेने का काम नहीं हो सकता और कैबिनेट बैठक नहीं हो सकती। इसलिए अब मंत्रालय के अधिकारी आचार संहिता लागू होने के पहले लिए गए निर्णयों के नियमों को बनाने और अन्य प्रक्रिया पूरी करने में जुटे हैं। इसी तारतम्य में जल्द ही नगरीय विकास और आवास विभाग द्वारा इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर इसी सप्ताह बैठक बुलाई जाने वाली है। इस बैठक में ई-बसों के संचालन की व्यवस्था के साथ एक्सपट्र्स को भी बुलाया जाएगा ताकि हर पहलू पर चर्चा की जा सके और आचार संहिता लागू होने के बाद इस मामले में विस्तृत चर्चा के लिए फिर कैबिनेट में लाया जा सके।
इन शहरोंं में है चलाने का प्रस्ताव
मोहन सरकार ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में हुई कैबिनेट में प्रदेश के जिन 6 बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला लिया था उसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर नगर निगम क्षेत्र शामिल हैं, जहां 552 ई बसों का संचालन किया जाएगा। एमपी सरकार प्रधानमंत्री ई-बस योजना के अंतर्गत इन बसों का संचालन करेगी। केंद्र सरकार बसें उपलब्ध कराएगी और 12 साल के लिए ऑपरेशनल एंड मेंटेनेंस कॉस्ट भी देगी। इस योजना से ई-बसों का प्रमोशन होगा और धीरे-धीरे विस्तार भी किया जाएगा।
समिति का गठन कर तय करेंगे संचालन व्यवस्था
अब तक ई-बसों के संचालन को लेकर जो फैसले हुए हैं उसके अनुसार राज्य शासन द्वारा ई-बसों के संचालन के लिए स्थानीय स्तर पर एक समिति गठित की जाएगी। दूसरी ओर, केंद्र सरकार का दावा है कि ई-बसों के संंचालन के बाद यात्री किराए में तीस फीसदी तक की कमी हो सकती है। इसके साथ ही डीजल पर निर्भरता भी घटेगी और प्रदूषण रोकने में भी आसानी होगी।