इंजीनयिर ने इंदौर में कहा- बारिश बन गई चुनौती
इंदौर। वर्ष 2013 में आईआईटी बांबे से इंजीनियरिंग करने के बाद 34 साल के एक युवा ने इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति जागरुकता अभियान शुरू कर दिया। इनका नाम है सुशील रेड्डी (मुम्बई)। वे 2016 में सौर ऊर्जा से चलने वाली मोटर-सहायक साइकिल से सफर कर चुके हैं।
इस बार इन्होंने बारिश के मौसम में इलेक्ट्रिक कार को प्रमोट करने के लिए 13 सितंबर को नए सफर की शुरूआत की। 60 दिन के भीतर 7 हजार किलोमीटर का लंबा सफर तय कर दिवाली से पहले वापस मुम्बई पहुंच जाएंगे। 7 हजार किमी की यात्रा के दौरान वे इलेक्ट्रिक कार में आने वाली दिक्कतों और अच्छी बातों की स्टडी करेंगे। इस स्टडी को वे छात्रों के साथ शेयर करेंगे।
शनिवार को जब धुले से इंदौर के लिए चले तो कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस वाहन में चार्जिंग सबसे बड़ा चैलेंज है क्योंकि इस रूट में सिर्फ दो चार्जिंग स्टेशन थे। दोनों बंद थे। गाड़ी के साथ एक पोर्टेबल चार्जर है लेकिन रोककर चार्ज किए तो वोल्टेज का भी प्रॉब्लम था। अभी शहरी क्षेत्र में चुनिंदा स्थानों पर चार्जिंग प्वाइंट लगे हैं। शहर से दूर ग्रामीण इलाकों में किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए अपनी तैयारी पहले से करके चलना पड़ती है।
सफर के दौरान जो भी चुनौतियां और अच्छाई सामने आती हैं उसका प्रैक्टिकल फीडबैक तैयार कर कंपनी और स्टूडेंट्स के सामने प्रजेंट करते हैं। वे स्टूडेंट्स के क्षेत्र में आने वाली अपॉर्चुनिटी और चुनौतियों के बारे में जागरुक करते हैं।
नौकरी छोड़कर इलेक्ट्रिक कार से यात्रा कर लोगों को कर रहे जागरुक
शहरों में पेट्रोल और डीजल के वाहनों से प्रदूषण कम हो और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिले। इसी लक्ष्य के साथ मुंबई के सुशील रेड्डी इलेक्ट्रिक कार से सफर पर निकले हैं। सुशील अपनी इस यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, यूपी, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक सहित कई राज्यों से गुजरेंगे।
इंदौर
इलेक्ट्रिक वीकल की स्टडी के लिए 7हजार किमी की यात्रा
- 21 Sep 2023