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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- बच्चे किसी पार्टनर के साथ भी लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहें हैं तो माता-पिता भी नहीं कर सकते मना, भले ही पार्टनर का मजहब अलग क्यों न हो

  • 06 Sep 2023

नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर बच्चे किसी पार्टनर के साथ भी लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहें हैं तो उसमें माता-पिता हस्तक्षेप नहीं कर सकते भले ही पार्टनर का मजहब अलग ही क्यों न हो। इसका साथ ही हाई कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप में साथ रह रहे अंतरधार्मिक जोड़े को धमकी मिलने पर पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सुरेंद्र सिंह-I की पीठ ने कहा, “मामले के तथ्यों और परिस्थितियों और शीर्ष न्यायालय द्वारा अपने निर्णयों में निर्धारित कानून को ध्यान में रखते हुए, इस अदलात की राय है कि याचिकाकर्ता एक साथ रहने के लिए स्वतंत्र हैं और उनके माता-पिता या किसी अन्य सहित किसी भी व्यक्ति को उनके शांतिपूर्ण लिव-इन-रिलेशनशिप में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी जाएगी। यदि याचिकाकर्ताओं के शांतिपूर्ण जीवन में कोई व्यवधान उत्पन्न होता है, तो याचिकाकर्ता इस आदेश की एक प्रति के साथ संबंधित पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर सकते हैं,जो याचिकाकर्ताओं को तत्काल सुरक्षा प्रदान करेगा।”
लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले में एक याचिकाकर्ता, जो बालिग है, ने इस आधार पर सुरक्षा के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि उसकी की मां और अन्य रिश्तेदार उसके पार्टनर संग उसके रिश्ते के खिलाफ हैं और याचिकाकर्ताओं के शांतिपूर्ण जिंदगी जीने में व्यवधान डाल रहे हैं और परेशान कर रहे हैं। चूंकि याचिकाकर्ताओं को मां ने धमकी दी थी, इसलिए वे अपने परिवार के सदस्यों द्वारा ऑनर किलिंग को लेकर आशंकित हैं। 
अदालत का दरवाजा खटखटाने से पहले याचिकाकर्ताओं ने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त से सुरक्षा की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ताओं ने अपनी अर्जी में कहा है कि वे दोनों निकट भविष्य में शादी करने का इरादा रखते हैं। चूंकि वे शांति से रह रहे थे, इसलिए उन्होंने रिश्तेदारों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई थी।
साभार लाइव हिन्दुस्तान