इंदौर। राजमार्गों पर तेज रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश शासन ने 33 जिलों को इंटरसेप्टर वाहन पुलिस को सौंपे है। इनमें इंदौर को भी एक वाहन मिला है, जिसे गुरुवार को डीआईजी मनीष कपूरिया ने ट्रैफिक विभाग को सौंप दिया।
इंटरसेप्टर वाहन स्पीडगन और इंफ्रारेड से लैस है, जो अंधेरे में भी एक किमी दूर से वाहन की स्पीड और उसकी जानकारी निकाल सकता है। वाहन में ब्रीथ एनालाइजर भी है, जो नशा कर वाहन चलाने वालों की पहचान कर लेगा। वहीं वाहन के कांच पर लगी फिल्म भी चेक करेगा कि ये कितने प्रतिशत पारदर्शी हैं। डीएसपी ट्रैफिक उमाकांत चौधरी के अनुसार रात में अकसर वाहन चालक तय मानक से ज्यादा रफ्तार से चलते हैं, जिससे दुर्घटनाओं में जान तक जा सकती है। अब ऐसे वाहन चालकों की पहचान इंटरसेप्टर वाहन की मदद से कर उन पर वैधानिक कार्रवाई करने में आसानी होगी। वहीं डीआईजी ने लोगों से अपील की है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन खुद और दूसरों के लिए करें। ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई से बच सकते हैं, लेकिन तेज रफ्तार, बिना हेलमेट, सीट बेल्ट आपकी सुरक्षा के लिए हैं। अपने व अपने परिवार के लिए नियमों का पालन करें।
इंदौर
इंटरसेप्टर वाहन ट्रैफिक पुलिस को सौंपे, ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील
- 08 Oct 2021