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इंदौर

इंटरसेप्टर वाहन रात में भी वाहन चालकों की गति पर लगा रहा लगाम

  • 08 Dec 2021

निजी गाडिय़ों पर एक हजार और कमर्शियल वाहनों पर तीन हजार रुपये जुर्माना
इंदौर। ट्रैफिक पुलिस इंटरसेप्टर वाहन से रफ्तार पर लगाम लगा रही है। वाहन की रफ्तार 50 किमीप्रति घंटे से ऊपर जाते ही इंटरसेप्टर कैमरा पकड़ लेगा। इंटरसेप्टर व्हीकल में लगी लेजर स्पीड गन 300 से 500 मीटर के दायरे तक रफ्तार से आ रही गाड़ी की गति को रिकार्ड करती है। मुख्य बात यह है कि यह रात में भी काम करती है। अभी एक ही व्हीकल मिला है, जिसे अलग-अलग जगहों पर खड़ा कर कार्रवाई की जा रही है। शहर में गाडिय़ों की तय रफ्तार के लिए बोर्ड लगे हैं। एमआर 10 पर सोमवार रात कई गाडिय़ों के चालान बनाए गए। कार्रवाई सूबेदार सुरेन्द्रसिंह की टीम कर रही थी।
सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि इंटरसेप्टर की रडार में पचास किमी प्रतिघंटे की रफ्तार सीमा तय की गई है। इसके ऊपर गाड़ी दौड़ती मिलती है, तो चालान काटा जाता है। इंटरसेप्टर की विंडो में 300 से 500 मीटर से आ रही गाड़ी की रफ्तार पता चल जाती है, जिसे रोककर चालान काटते हैं और गाड़ी मालिक को रफ्तार की रसीद भी देते हैं। बताते हैं कि निजी गाडिय़ों पर एक हजार रुपये और कमर्शियल वाहनों पर तीन हजार रुपये का जुमार्ना लगाया जा रहा है।
सभी प्रकार के नियम तोडऩे वालों पर हो कार्रवाई
जिन लोगों के चालान काटे गए, उनका कहना था कि कार्रवाई अच्छी है, होना चाहिए, लेकिन यह मशीन का टारगेट पूरा करने भर न हो। जो लोग गलत दिशा में आते हैं, सड़क पर पार्किंग करते हैं और गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करते हैं। उन पर भी कार्रवाई होना चाहिए। ये ही ट्रैफिक की बदहाली के लिए जिम्मेदार हैं।
नवंबर में गवाई 42 लोगों ने जान पुलिस का रिकॉर्ड बताता है कि इस साल ग्यारह महीने में 3366 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 440 लोगों की जान गई है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते तालाबंदी भी रही है, लेकिन गाडिय़ों की रफ्तार पर लगाम नहीं लग पाई। 2020 में ग्यारह महीनों में 2757 हादसे हुए और 410 लोगों की जान गई थी। तब भी कोरोना की पहली लहर में तालाबंदी के चलते गाडिय़ां ठहरी हुई थीं। इस साल करीब छह सौ सड़क हादसे और तीस मौतें ज्यादा हुई हैं। नवंबर की बात की जाए, तो बीते साल 380 सड़क दुर्घटनाएं हुई और 63 मौतें हुई थीं। इस बार नवंबर में 382 हादसों में 42 जान गई हैं।