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इंदौर

इंदौर में चला भिक्षुको से मुक्ति का अभियान, भिक्षा मांगने वालों को पहुंचाया सहयोगी केंद्र

  • 29 Jul 2021

इंदौर । बुधवार को इंदौर में नगर निगम ने एक एनजीओ के सहयोग से भिक्षुको की धरपकड़ का अभियान आरंभ किया। इंदौर के विभिन्न इलाकों में भिक्षा मांगने वाले लोगों को अलग-अलग केंद्रों पर पहुंचाया गया इस कार्रवाई से उनंमें हड़कंप की स्थिति मच गई थी।
आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल ने इस अभियान के मामले में जानकारी देते हुए बताया  कि शहर के प्रमुख मार्गो पर टेज्फिक सिग्नल पॉइन्ट, गांधी हॉल, धर्म स्थलो के आस-पास, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेशन व अन्य स्थानो पर भिक्षावृत्ति करने वालो के कारण असुविधा पूर्ण स्थिति निर्मित होती है।  निगम द्वारा सामाजिक कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, एनजीओ संस्थानो के साथ मिलकर इंदौर शहर को भिक्षुको से मुक्त करने की पहल की जा रही है।  
 नगर निगम के इस अभियान के पहले आयुक्त ने अन्य अधिकारियों के साथ परदेशीपुरा स्थित सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियो, निगम अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, नगर शिल्पज्ञ अशोक राठौर के साथ भिक्षुक पुर्नवास केन्द्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया । भिक्षुक पुर्नवास  केन्द्र में भिक्षुक महिला व पुरूष को अलग-अलग ठहराने के लिये वर्तमान में केन्द्र में व्यवस्था की गई है । परदेशीपुरा स्थित रैन बसेरा में भिक्षुक पुर्नवास केन्द्र में भिक्षुको के पुर्नवास करने हेतु कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।   
आयुक्त पाल द्वारा सामाजिक कल्याण विभाग एवं एनजीओ के साथ सीटी बस आफिस में बैठक भी की गई तथा एनजीओ के सहयोग से इंदौर शहर को भिक्षुको से मुक्त करने के लिये अभियान चलाने के लिये निर्देश दिये गय थे।  यह अभियान सतत चलाया जावेगा।  प्रतिदिन जो भिक्षुक केन्द्र पर लाये जावेगे, उनका पुरा विवरण दर्ज किया जावेगा तथा 60 वर्ष से उपर के भिक्षुको को वृद्धाश्रम में रखने के लिये संबंधितो को निर्देश दिये गये। भिक्षृक केन्द्र पर लाने वाले भिक्षुको को मेडिकल उपचार के लिये चिकित्सो की व्यवस्था भी की जावेगी, साथ ही भिक्षुक केन्द्र पर भिक्षुको के खाने की व्यवस्था भी की जावेगी, भिक्षुक केन्द्र पर जो भिक्षुक कार्य करना चाहते है तो उनको रोजगार के साथ पुर्नवास भी किया जावेगा।  भिक्षावृत्ति करने वालो लोगो से संबंधित उनका परिवार यदि भिक्षुक को अपने घर ले जाना चाहते है तो उनसे अंटरटेकिंग लिया जाकर भिक्षुक को सौपा जावेगा।
ऐसे भिक्षुक यदि फिर से भिक्षावृत्ति में पाये जाते है तो संबंधित परिवार के विरूद्ध भी कार्यवाही की जावेगी।  भिक्षुक केन्द्रो पर सुरक्षा की दृष्टि से सिक्योरिटी गार्ड रखने के भी निर्देश दिये गये।