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इंदौर

इंदौर में सीरो सर्वे 2.0 शुरू, पहले हुए सर्वे के 527 बच्चों की एंटीबॉडी टेस्ट करने के लिए 27 टीमें रवाना

  • 12 Nov 2021

इंदौर।  इंदौर में गुरुवार 11 नवंबर को फिर से बच्चों का सीरो सर्वे 2.0 शुरू हो गया। इसके तहत अगस्त में बच्चों का जो पहला सीरो सर्वे हुए था उनमें जो 1600 बच्चे जो पॉजिटिव गए थे, उन्हीं में से 527 बच्चों का फिर से एंटीबॉडी टेस्ट किया जा रहा है ताकि इन बच्चों के शरीर में एंटीबॉडी लेवल का पता लगाया जा सकेगा व इनकी सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जा सकेंगे। सर्वे के लिए 27 टीमें मैदान में हैं।
गुरुवार दोपहर सर्वे शुरू होने के पहले कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा सीएमएचओ ऑफिस पहुंचे परिसर में सर्वे टीम की बैठक ली। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि इस बार 527 सैंपल जो लिए जाना हैं वे पूर्व में जिन बच्चों के सैंपल लिए गए थे, उन्हीं में से लेना है, ताकि एक बार फिर उनकी एंटीबॉडी की स्थिति फिर से जानी जा सके। हालांकि इसके पूर्व जिन बच्चों के पहले सर्वे में सैंपल लिए गए थे, उनके परिजन को पूर्व में ही सूचना दी जा चुकी है। टीम के सदस्यों द्वारा चिन्हित बच्चों के सैंपल कलेक्शन के दौरान पूर्व सर्वे की विस्तृत एंटीबॉडी जांच रिपोर्ट भी दी जाएगी। सीरो सर्वे 2.0 के माध्यम से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे जो अभी वैक्सीनेशन के लिए पात्र नहीं हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का आकलन हो सकेगा।
इसलिए किया जा रहा सीरो सर्वे 2.0
दरअसल सीरो सर्वे को सीरोलॉजिकल सर्वे भी कहा जाता है। इसमें व्यक्ति का सैंपल सेल्स और सीरम को अलग किया जाता है। सीरम में कोरोना वायरस के खिलाफ जितनी एंटीबॉडी बनी हैं, उनकी जांच की जाती है। जिस क्षेत्र में यह सर्वे कराया जाता है वहां यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि उस क्षेत्र में कोविड का संक्रमण कितना फैला है क्योंकि कोरोना के मामलों में ऐसा देखने को मिला है कि कई लोगों कोविड हो जाता है लेकिन उनमें कोविड के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। यानी शख्स कोरोना से संक्रमित तो हुआ, लेकिन वह बीमार नहीं पड़ा। इस सर्वे से कोरोना की चेन तोडऩे में मदद मिलती है, इसीलिए कोरोना से बचाव में सीरो सर्वे की अहम भूमिका मानी जाती है। इंदौर में अगस्त में 25 वार्डों में 18 वर्ष तक के बच्चों के अलग-अलग समूहों के रूप में सीरो सर्वे किया था। अब तीन महीने बाद इन्हीं में से 527 बच्चों का फिर से किया जा रहा है। इनका टेस्ट इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में होगा और फिर उक्त रिपोर्ट को क्रॉस चेक करने नेशनल सेंट्रल फॉर डिसीज कंट्रोल  दिल्ली भेजा जाएगा। फिर ठउऊउ द्वारा पहले और दूसरे सर्वे रिपोर्ट का तुलनात्मक अध्ययन के बाद फाइनन रिपोर्ट जारी की जाएगी।