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इंदौर में 20 का लक्ष्य, वसूले 12 करोड़, राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा होने के पहले अफसर चले गए, वसूली का लक्ष्य 8 करोड़ पिछड़ा

  • 13 Sep 2021

इंदौर। नगर निगम ने लोक अदालत को लेकर राजस्व वसूली के मामले में लक्ष्य निर्धारित किया था। इस मामले में तय समय से पहले ही निगम के अधिकारी कुर्सियां छोड़कर चले गए। जिसके कारण लक्ष्य नहीं बढ़ पाया। यहां कई लोगों का टैक्स भी गलत निकाला गया था, जिस कारण कई लोगों राजस्व जमा नही किया।
शहर में 19 जोन में लगी लोक अदालत में शनिवार को 20 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें देर शाम तक चली अदालत में 12 करोड़ की राशि प्राप्त हुई। इस दौरान संपत्तिकर में 11 करोड़ 40 लाख रुपए और जलकर के 60 लाख ही जमा हो पाए। जोन वार कहां कितनी राशि मिली, निगम के अधिकारियों ने यह लक्ष्य अभी जारी नहीं किया है। संपत्तिकर की जानकारी जुटाने के लिए नगर निगम ने कुछ माह पहले निजी कंपनी को काम सौंपा था। उनके द्वारा तैयार की गई राशि निगम की राशि से तीन गुना निकली। ऐसे में जब पीडि़त अपना संपत्तिकर भरने पहुंचे तो ज्यादा राशि होने पर वापस चले गए। इसके साथ ही लोक अदालत में कई अधिकारी शाम पांच बजे के पहले ही चले गए जिसमें यहां आनी वाली आम जनता अपनी परेशानी को लेकर उनसे नहीं मिल पाई।इंदौर में 20 का लक्ष्य, वसूले 12 करोड़, राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा होने के पहले अफसर चले गए, वसूली का लक्ष्य 8 करोड़ पिछड़ा
इंदौर। नगर निगम ने लोक अदालत को लेकर राजस्व वसूली के मामले में लक्ष्य निर्धारित किया था। इस मामले में तय समय से पहले ही निगम के अधिकारी कुर्सियां छोड़कर चले गए। जिसके कारण लक्ष्य नहीं बढ़ पाया। यहां कई लोगों का टैक्स भी गलत निकाला गया था, जिस कारण कई लोगों राजस्व जमा नही किया।
शहर में 19 जोन में लगी लोक अदालत में शनिवार को 20 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें देर शाम तक चली अदालत में 12 करोड़ की राशि प्राप्त हुई। इस दौरान संपत्तिकर में 11 करोड़ 40 लाख रुपए और जलकर के 60 लाख ही जमा हो पाए। जोन वार कहां कितनी राशि मिली, निगम के अधिकारियों ने यह लक्ष्य अभी जारी नहीं किया है। संपत्तिकर की जानकारी जुटाने के लिए नगर निगम ने कुछ माह पहले निजी कंपनी को काम सौंपा था। उनके द्वारा तैयार की गई राशि निगम की राशि से तीन गुना निकली। ऐसे में जब पीडि़त अपना संपत्तिकर भरने पहुंचे तो ज्यादा राशि होने पर वापस चले गए। इसके साथ ही लोक अदालत में कई अधिकारी शाम पांच बजे के पहले ही चले गए जिसमें यहां आनी वाली आम जनता अपनी परेशानी को लेकर उनसे नहीं मिल पाई।