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सागर

इंसानों से जानवरों जैसा सलूक:भोपाल का बोलकर महाराष्ट्र ले गए

  • 06 Feb 2024

 हाड़तोड़ काम कराया, पैसे मांगने पर पीटा
सागर। सागर जिले के 40 लोगों को महाराष्ट्र के बीड़ और परभणी जिले से मुक्त कराया गया है। ठेकेदार इन्हें भोपाल में अच्छी मजदूरी का लालच देकर महाराष्ट्र ले गया था। 30 जनवरी को सभी को छुड़ाकर सागर के शाहगढ़ लाया गया। सभी मजदूर शाहगढ़ विकासखंड के ग्राम पापेट और रुरावन के रहने वाले हैं। इनमें महिला, पुरुष और बच्चे शामिल हैं।
12 से 15 घंटे काम कराते-
कमलीबाई आदिवासी ने बताया कि वह लोग भोपाल से करीब 30 किमी दूर मजदूरी करने की बात बोलकर साथ ले गए थे, लेकिन हमें महाराष्ट्र ले गए। खाने के नाम पर बाजरा दिया। हमने बाजरा खाने के मना किया, तो 10 किलो गेहूं देने लगे। 12 से 15 घंटे काम कराने लगे। एक युवक ने काम से मना किया, तो उसे इतना पीटा कि पैर में घाव बन गया। उसके हाथ-पैर बांधकर रातभर कपास में डालकर रखा।
बाजार जाते थे, तो उनका एक आदमी साथ जाता था। यही नहीं शौच करने जाओ, तो ठेकेदार अपनी पत्नी को साथ भेजता था। लगने लगा था कि अब वापस घर नहीं लौट पाएंगे। बच्चों और परिवार से नहीं मिल पाएंगे। अब गांव लौटकर खुश हैं। अब दोबारा ऐसे लोगों के साथ मजदूरी करने नहीं जाएंगे।
न खाने दिया और न सोने, सिर्फ काम कराया-
जनकरानी आदिवासी ने बताया कि वहां बहुत दिक्कत में थे। हमेशा बच्चों की चिंता रहती थी। काम पर नहीं जाओ, तो वह मारपीट करते थे। जबरदस्ती गन्ना कटाई के लिए ले जाते थे। सुबह 7 बजे से काम शुरू करते थे। रात के 10 बज जाते थे। वापस लौटते तो रात हो जाती थी।
ऐसे मुक्त कराए गए सभी मजदूर-
गांव के अनरत आदिवासी ने बताया कि 40 आदिवासी मजदूरी करने महाराष्ट्र गए थे। करीब एक महीने काम किया। फिर परेशान किया जाने लगा। उन्होंने गांव में मुझसे संपर्क किया। पूरी आपबीती बताई। जानकारी मिलते ही मैंने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर शिकायत की। शिकायत पर अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की।
कलेक्टर दीपक आर्य ने सिटी मजिस्ट्रेट जूही गर्ग को निर्देश दिए। सिटी मजिस्ट्रेट ने महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क किया। इसके अलावा, सागर और महाराष्ट्र में जन साहस व विकास मंडल संस्था के सदस्यों का सहयोग लिया। इसके बाद मजदूरों को मुक्त कराकर महाराष्ट्र से सागर लाया गया। इनमें बच्चे भी शामिल हैं।