उज्जैन। उज्जैन सहित अंचल में मंगलवार से शुरू हुआ वर्षा का दौर रुक-रुककर जारी रहा। इससे नदी-नाले उफान पर बहे। मुख्य सड़कों पर घुटनों तक पानी भराया। शिप्रा नदी उफनी और रामघाट के सारे मंदिर पानी में समा गए। बडऩगर जाने वाला छोटा पुल भी दिनभर डूबा रहा। नतीजतन लोगों को परिवर्तित मार्ग से आना- जाना पड़ा। गंभीर बांध के गेट भी खोलना पड़े।
मालूम हो कि हवाओं का रुख बदलने से 23 अगस्त के बाद उज्जैन में वर्षा का दौर लगभग समाप्त सा हो गया था। लेकिन मंगलवार को एक बार फिर मौसम सक्रिय हुआ और बरसात का जो दौर शुरू हुआ तो बुधवार शाम तक जारी रहा। इससे मौसम सुहाना हुआ और लोगों ने तेज उमस और गर्मी से राहत पाई। जीवाजी वेधशाला के अनुसार बीते 24 घंटों में शहर में 14 मिलीमीटर वर्षा हुई। इससे दिन का अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री से लुढ़ककर 26 डिग्री सेल्सियस और रात का न्यूनतम तापमान 27.8 डिग्री से लुढ़ककर 23.7 डिग्री सेल्सियस पहुंचा। हवा 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली। मौसम विभाग ने गुरुवार को तेज वर्षा होने का अनुमान जताया है।
निगम का दावा- नवरात्र शुरू होने से पहले करेंगे सड़कों की मरम्मत
उज्जैन की औसत वर्षा 906 मिलीमीटर है, जिसके विरुद्ध अब तक 871 मिलीमीटर वर्षा हुई है। बावजूद इसके शहर की सारी सड़कें छलनी-छलनी हो गई हैं। कई सड़कों पर तो छह से आठ इंच तक के गड्ढे हो गए हैं। इन मार्गों से गुजर कई लोगों के वाहन क्षतिगस्त हो गए हैं। कई हादसों का शिकार भी हुए हैं। लेकिन नेता और अफसर हैं कि इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे।
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उज्जैन में फिर से उफनी शिप्रा, गंभीर बांध का गेट खोलना पड़ा
- 16 Sep 2022