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इंदौर

उजाड़ हो रहा ग्रीन बेल्ट, नहीं है जिम्मेदारों का ध्यान

  • 12 Apr 2022

इंदौर। शहर के बापट चौराहा से लेकर चंद्रगुप्त मौर्य चौराहा के बीच करीब एक किमी का हिस्सा ग्रीन बेल्ट है। यहां न ज्यादा पेड़ हैं और न ही पक्षी की गुनगुनाहट। बस है तो सिर्फ अस्त-व्यस्त व्यवस्थाएं, बैठने के लिए इंतजाम भी यहां नहीं है। चलने वाला ट्रैक ऊबड़-खाबड़ है। मिट्टी का ढेर, शराब की बोतल के टुकड़े और सिगरेट के खाली पैकेट बस यही नजऱ आता है। साथ ही कई लोगों द्वारा ग्रीन बेल्ट की फेंसिंग तोड़कर अपनी गाडिय़ों के लिए पार्किंग की जगह बना दी है। कई जगह पर छोटी- छोटी दुकानें भी यहां चल रही है।
करीब चार साल पहले निगम द्वारा क्षेत्रीय लोगों को इस ग्रीन बेल्ट को सुंदर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। लेकिन अब न ही रहवासी इस पर ध्यान देते हैं और न ही निगम ने नए सिरे से योजना बनाई। जब कैलाश विजयवर्गीय शहर के मेयर थे तो उन्होंने सुखलिया ग्राम इलाके में ग्रीन बेल्ट को संवारने की स्पर्धा कराई थी और सबसे अच्छा ग्रीन बेल्ट रखने वाले रहवासी को पुरस्कार दिया जा रहा था। अब तो ग्रीन बेल्ट लावारिस हालत में पड़े हैं। चार साल पहले सुखलिया चौराहे का सुंदरीकरण भी किया गया था, लेकिन मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के कारण रोटरी भी टूट गई।
सुखलिया ग्राम चौराहे के पास ग्रीन बेल्ट पर अवैध गुमटियां लगने लगी है। शाम के समय यहां ठेले लग जाते है। कुछ स्थाई गुमटियां भी मंदिर परिसर और ग्रीन बेल्ट के पास लगने लगी है। रहवासियों का कहना है कि इससे यातायात बाधित होता है और हादसे का खतरा भी बना रहा है, क्योंकि एमआर-10 लिंक रोड से भारी वाहन उज्जैन रोड की तरफ चौराहे से ही गुजरते हैं। शाम के समय यहां ज्यादा ट्रैफिक बाधित होता है।