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जबलपुर

उद्योगों को लगा बिजली का करंट, घरेलू और कृषि उद्योगों में दिखेगा असर

  • 01 Apr 2022

जबलपुर। अप्रैल से बिजली की दर में इजाफा हो गया है। घरेलू, कृषि से लेकर उद्योगों तक में बिजली के करंट की मार पड़ी है। बढ़ी दर आठ अप्रैल से लागू होगी। इसमें उच्च दाब बिजली उपभोक्ता को पहले की तुलना में ज्यादा बिल अदा करना होगा। जहां अभी 11 किलोवोल्ट के लिए 7.10 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलती थी। वहीं फिक्स चार्ज 347 रुपये था। यह अब 7.20 पैसे प्रति यूनिट होगी तथा फिक्स चार्ज 372 रुपये हो गया है।
इसी तरह कृषि पंप के उपभोक्ता को भी प्रथम 300 यूनिट खपत पर उसका दाम जहां 4.69 रुपये देना पड़ता था अब 4.79 रुपये प्रति यूनिट देना होगा। नियत प्रभार 53 रुपये की जगह 58 रुपये लगेगा। वहीं कृषि पंप जिनकी खपत 300 से 750 यूनिट के बीच है उन्हें प्रति यूनिट बिजली 5.72 रुपये की जगह 5.82 रुपये प्रति यूनिट देना होगा। हालांकि किसानों को सरकार की सब्सिडी मिलती है जिस वजह से बढ़ी दरों का बोझ किसानों पर कम आएगा।
300 यूनिट मासिक खपत पर 71 रूपये बढ़कर आएगा बिजली बिल
मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बिजली के दाम बढ़ा दिए है। बिजली कंपनी की मांग औसत 8.71 फीसद थी लेकिन आयोग ने तीन फीसद के आसपास बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। ऐसे में नए बिजली के दाम में तीन सौ यूनिट मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं पर करीब 71 रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा। 8 अप्रैल से बिजली की नई दर लागू हो जाएगी। बिजली मामलों के जानकार एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि बिजली कंपनी ने बेवजह की मांग की थी जिसमें आयोग ने कटौती की है। सबसे ज्यादा इजाफा 51 से 150 यूनिट खपत वालों पर हुआ है इनके बिल में मासिक 121 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
शराब सस्ती, दवा महंगी
प्रदेश में आज से शराब सस्ती हो रही है। दवाएं महंगी हो गई हैं। दरअसल, शुक्रवार से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत हो गई है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने दवाओं के दामों में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इससे सामान्य बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाने वाली जरूरी 872 प्रकार की दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं। इससे गरीब मरीजों को जहां इलाज के लिए आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। वहीं, शराब के रेट 20त्न तक कम होने के बाद जाम छलकाने वालों को राहत दी गई है।  दवा व्यावसायियों का कहना है कि नई कीमतें लागू होने के बाद 1 अप्रैल से बुखार, इन्फेक्शन, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा पैरासिटामॉल, फेनोबार्बिटोन, फिनाइटोइन सोडियम, एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड और मेट्रोनिडाजोल जैसी दवाओं की कीमतें भी बढ़ जाएंगी।
शराब के रेट क्यों घटे?
मप्र की नई आबकारी नीति के मुताबिक भारत में बनी विदेशी शराब की कीमतों में 20 प्रतिशत तक की कमी की गई है। विदेशी शराब पर एक्साइज ड्यूटी में तीन प्रतिशत की कमी की गई है। राज्य में उगाए गए अंगूर से बनी शराब पर कोई एक्साइज ड्यूटी नहीं लगेगी। बीते दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने नई आबकारी नीति 2022-23 और हेरिटेज शराब नीति 2022 में प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या न बढ़ाने का निर्णय लिया था। कलेक्टर और जिलों के विधायकों की उच्च स्तरीय जिला समिति को अपने जिले की स्थानीय जरूरतों के अनुसार भौगोलिक दृष्टि से शराब की दुकानों का स्थान बदलने का अधिकार होगा। अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 से नए बार लाइसेंस को कलेक्टर द्वारा सरकार की ओर से निर्धारित मानदंडों के अनुसार मंजूरी दी जाएगी। नई आबकारी नीति के मुताबिक 'शराब की फुटकर बिक्री दरों में लगभग 20 प्रतिशत की कमी होगी। विदेशी शराब पर एक्साइज ड्यूटी 13त्न से घटाकर 10त्न कर दी गई है। सभी जिलों की देशी/विदेशी शराब की दुकानों को छोटे सिंगल क्लस्टर की तर्ज पर चलाया जा सकता है।