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इंदौर

उपनगरीय बस सेवा, हाल बेहाल, हलाकान अपडाउनर्स

  • 10 May 2023

15 हजार यात्री, छह - सात हजार महिला वर्ग रोजाना सफर
इन्दौर।   इंदौर, महू, पीथमपुर व मानपुर की और दौड़ने वाली उपनगरीय बस सेवा से इन मार्गो के साथ ही आस - पास की यात्रा करने वाले लोगों को यातायात सबंधी सुविधा तो है, लेकिन अधिकतम 20 - 40 किलोमीटर का यह सफर बेहद परेशानी भरा।
ढाई दशक से भी अधिक समय पूर्व खासकर इंदौर - महू रोजाना सफर करने वाले यात्रियों के हक में लड़ने वाले उस दौर के बेहद प्रभावी उपभोक्ता मंच के प्रयासों से इंदौर - महू के साथ ही औधोगिक नगरी पीथमपुर को उपनगरीय बस का दर्जा मिला। दरअसल उक्त मार्गो पर अधिकांश नौकरी पेशा, श्रमिक, मजदूर व विधार्थी वर्ग डेली अपडाउनर्स के रूप में नियमित यात्रा करता है, उन्ही की सुविधा को देखते हुए व्यवस्थित व उचित किराए पर साधन उपलब्ध हो इसके लिए उपनगरीय बस सेवा का दर्जा जिसके तहत परिवहन विभाग द्वारा टेक्स राशि में छूट दी जा रही है, लेकिन इस छूट का लाभ यात्रियों को कम और बस संचालकों को ही मिलने की शिकायतें समय समय पर की जाती रही है, इसके अलावा ओवर लोडिंग, अंध गति, प्रेशर हार्न, महिलाओं के साथ बदमिजाजी के साथ ही नियम कायदों को ठेंगा दिखाए जाने को लेकर लंबे समय से शिकवा शिकायतों का दौर यहां तक अनेक बार पुलिस प्रकरण भी दर्ज हो चुके है, लेकिन उपनगरीय सेवा के कथित धमकी बसों की हड़ताल के आगे शायद विभिन्न स्तर पर जिम्मेदार यात्रियों की तरह बेबस नजर आते है।
सोमवार की कार्रवाई के बाद
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ व विभिन्न संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद ट्राफिक अमला पुलिस के सहयोग से कार्रवाई के लिए फील्ड में चाक चैबंद नजर आया, लेकिन शुरूआती कार्रवाई के बाद बस आपरेटरों की चालानी कार्रवाई का यह कहते हुए विरोध कि जबरिया चालान बनाए जा रहे है, के बाद विवाद बढ़ा और अनेक बस आपरेटर एक तरह से दबंगाई पर उतर आए यह तेवर देख जिम्मेदारों ने भी अपने दम पीछे खिंच लिए और एक बार फिर उपनगरीय बसों पर प्रभावी कार्रवाई टल गई।
15 हजार से भी अधिक यात्री
जानकारी के अनुसार 80 से भी अधिक बसों से करीब 15 हजार यात्री इंदौर महू, पीथमपुर के साथ ही मानपुर व आस - पास के अनेक अंचल की यात्रा करते है, जिसमें से अधिकांश डेली अपडाउनर्स जिसमें नौकरी पेशा के साथ ही श्रमिक मजदूर व विधार्थी वर्ग यात्रा करता है। बताया जाता है करीब छह से सात हजार महिलाएं जिसमें से अधिकांश छात्राएं व कामकाजी महिलाएं यात्रा करती है, कार्रवाई के दौरान बस संचालकों के दबाव प्रभाव के बाद रूकी कार्रवाई से महिला वर्ग में खासी नाराजगी है, मंगलवार को अनेक महिलाओं ने चर्चा के दौरान बताया कि इंदौर महू के बीच यात्रा करना बेहद परेशानी भरा है, मनमर्जी का किराया, उपर से टिकिट भी नहीं दिया जाता, चालक - परिचालक बिना ड्रेस कोड का पालन किए वाहनों पर पहचान से दूर रहते है, साथ ही कथित तौर पर बदमिजाजी बेहद दुखद है। इन बसों पर जिम्मेदारों को सतत कार्रवाई करना चाहिए। साथ ही समय समय पर महिला पुलिसकर्मियों को सरप्रराइज चेकिंग के तौर पर कार्रवाई किए जाना चाहिए।