नई दिल्ली . पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता वहीद-उर-रहमान पारा ने जम्म-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की 5 करोड़ रुपये दिए थे। यह पैसे हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद दिए गए थे। मामले में बीते सोमवार को एनआईए ने इस मामले में चार्जशीट दायर की।
एनआईए की चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि संभवत: पारा ने यह पैसे पीडीपी की ओर से हुर्रियत को दिए थे ताकि घाटी में आतंकी गतिविधियां न रुके। पारा को कई दौर की पूछताछ के बाद बीते साल एनआईए ने 25 नवबर को गिरफ्तार किया था।
हालांकि, पीडीपी के अतिरिक्त प्रवक्ता नजमु साकिब ने पारा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को कश्मीर की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया है।
साकिब ने कहा, 'हमारा मानना है कि इनमें से कोई भी फर्जी आरोप साबित नहीं होगा और वहीद को आखिरकार न्याय मिलेगा।'
आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में पारा की भूमिका बताने वाली चार्जशीट के मुताबिक, 'बुरहान वानी की मौत के बाद पारा ने साल 2016 में अल्ताफ अहमद शाह को कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियां चालू रखने के लिए 5 करोड़ रुपये दिए थे।' अल्ताफ अहमद शाह अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का दामाद है। उसे जुलाई 2017 के जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग केस में गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए के मुताबिक, अल्ताफ और पारा एक दूसरे के करीबी थे और दोनों के बीच वानी के एनकाउंटर के बाद घाटी में जारी हिंसा के दौरान भी संपर्क था।
बता दें कि 8 जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को एनकाउंटर में मार गिराया गया था। इसके बाद कई महीनों तक घाटी में तनाव जारी रहा और पत्थरबाजी तक हुई। यह एनकाउंटर जब हुआ तब जम्मू-कश्मीर में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री थीं।
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