इंदौर। प्रदेश के विभिन्न विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के हजारों आवेदन लंबित हैं। अकेले शिक्षा विभाग में ही बीते नौ वर्ष तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं की गई। बाद में एनओसी देकर आवेदकों को भरोसा दिलाया गया कि उन्हें दूसरे विभागों में नियुक्तियां मिल जाएंगी। फिर भी बड़ी संख्या में आवेदकों को नौकरी नही मिल सकी। अब सभी आवेदकों को परीक्षा पास करना जरूरी कर दिया गया है। इससे आवेदक पसोपेश में पड़ गए हैं।
शिक्षा विभाग में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निपटारा करने के लिए विभाग ने सभी अनुकंपा नियुक्ति के दावेदारों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर दी है। इससे वर्षों से नौकरी की बाट जोह रहे अनुकंपा नियुक्ति के दावेदारों के हौसले पस्त होने लगे हैं। आवेदकों का कहना है किपरिवार का कमाने वाला तो पहले ही नहीं रहा, उसके बाद पढ़ाई छोड़कर परिवार पालने के लिए कुछ कामकाज करने लगे। अब शासन की मंशा है कि परीक्षा पास करो तो बिना पढ़ाई के कैसे परीक्षा में सफल हो सकेंगे। ऐसे में अनुकंपा नियुक्ति पाना मुश्किल हो जाएगा। शिक्षा विभाग के इस निर्णय पर शिक्षक संगठनों ने भी विरोध जताना शुरू कर दिया है। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि जो लंबित प्रकरण हैं, पहले उनका निराकरण किया जाए। उसके बाद यदि विभाग चाहे तो परीक्षा की अनिवार्यता थोप सकता है।
नौ साल से इंतजार
पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्तियां की गईं लेकिन शिक्षा विभाग में नियुक्तियोंं पर लगातार नौ वर्ष रोक लगी रही। इस कारण अकेले शिक्षा विभाग में ही हजारों आवेदक अनुकंपा नियुक्ति के लिए परेशान हो रहे हैं। शासन ने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को निपटाने के लिए नकद राशि देने का फॉर्मूला भी बनाया लेकिन वह भी कारगर साबित नहीं हो सका।
एनओसी भी फेल
शासन ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए एनओसी प्रक्रिया शुरू की, वह भी पूरी तरह से फेल हो गई। शिक्षा विभाग में पद नहीं होने से आवेदक अब तक नौकरी का इंतजार कर रहे हैं, जबकि जिला कलेक्टरों को अन्य विभागों में रिक्त पदों की जानकारी नहीं मिलने से नियुक्तियां अटकी हुई हैं।
विरोध करेंगे
शासन द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के आवेदकों के लिए परीक्षा अनिवार्य करने से कई परिवार आर्थिक संकट में आ गए हैं। अब तक जैसे-तैसे गुजारा करने वालों को शासन के इस निर्णय से झटका लगा है जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। आदर्श शिक्षक मंच के संयोजक भगवती पंडित का कहना है कि शासन को लंबित प्रकरणों का निराकरण पहले करना चाहिए। संगठन शासन के निर्णय का विरोध करते हुए लागू अनिवार्यता समाप्त करने की मांग करेगा।
इंदौर
एनओसी और परीक्षा के फेर में उलझे अनुकंपा नियुक्ति के दावेदार
- 02 Feb 2020