हरदा। एनजीटी ने जिले की तीन नगरीय निकायों पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में 2 करोड़ 70 लाख रुपए का जुमार्ना ठोका है। दो महीने में यह राशि जमा नहीं करने पर सीएमओ के खिलाफ केस दर्ज करने की चेतावनी दी गई है। नगर पालिका हरदा पर एनजीटी ने एक करोड़ 2 लाख रुपए का जुमार्ना लगाया गया है। टिमरनी नगर पालिका पर 1 करोड़ 32 लाख वहीं खिरकिया नगर पालिका पर 36 लाख रुपए का जुमार्ना लगाया है।
इसको लेकर कांग्रेस के जिला प्रवक्ता आदित्य गार्गव का कहना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली पूर्व और वर्तमान परिषद ने कभी भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। जिसका खामियाजा शहर की जनता जहरीले धुएं, बदबू और प्रदूषित भूमिगत जल के रूप में उठाती रही। इस समस्या को सबसे ज्यादा शहर की सफाई करने वाले स्वच्छता कर्मचारियों ने भुगता है। जिनकी मेहनत और लगन से नपा स्वच्छता के पुरस्कार देती रही। क्योंकि जहां कचरा डंप किया जा रहा है, उसके सबसे नजदीक इन्हीं कर्मचारियों के घर हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष हेमंत टाले के कार्यकाल में गांव रिछारिया में बनाए गए कचरा ट्रीटमेंट प्लांट का उपयोग भाजपा शासित नगर पालिका कर लेती तो आज एनजीटी द्वारा लगाए गए भारी जुमार्ने से बच जाती। वहीं दूसरी तरफ हरदा शहर लंबे समय से चली आ रही प्रदूषण की समस्या से भी बच जाता।
हरदा
एनजीटी ने तीन निकायों पर लगाया भारी भरकम जुर्माना, पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए मांगे 2.70 करोड़
- 15 Sep 2023