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इंदौर

एमएड के मूल्यांकन को लेकर व्यवस्था पर उठे सवाल

  • 05 Jan 2022

कुलपति ने चर्चा के बाद फैसला लेने का दिया आश्वासन
इंदौर। एमएड अंतिम सेमेस्टर के मूल्यांकन को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कालेज संचालकों ने विश्वविद्यालय पर नियम तोडऩे का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि शासन ने असाइनमेंट पर रिजल्ट देने के लिए कहा, लेकिन विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों से लघु शोध (डेजरटेशन) बनवाए।
मामला सत्र 2018-19 एमएड अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों से जुड़ा है। कालेज संचालक गिरधर नागर और अभय पांडे ने कहा कि शासन ने एमएड के विद्यार्थियों को असाइनमेंट के आधार पर मूल्यांकन करने के निर्देश दिए। उसके आधार पर रिजल्ट देने की बात कही। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों से 200 पन्नों के लघु शोध बनवाए हैं। इन्हें बाहरी मूल्यांकनकतार्ओं से जंचवाने और कालेज में पर्यवेक्षक भेजकर विद्यार्थियों का वायवा लेने का नियम है, लेकिन विवि ने लघु शोध जंचवाने की जिम्मेदारी स्कूल आफ एजुकेशन को दी है। कुलपति डा. रेणु जैन ने कहा कि अधिकारियों से चर्चा करने के बाद फैसला लिया जाएगा।