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इंदौर

एमवाय अस्पताल में देर रात हुआ विवाद, तीन डॉक्टर,दो गार्ड घायल

  • 13 Nov 2024

इंदौर। एमवाय अस्पताल में देर रात विवाद हो गया। यहां पर मारपीट के दौरान तीन डॉक्टर और दो गार्ड घायल हो गए। पुलिस ने डॉक्टरों की शिकायत पर अटेंडर के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस के आला अधिकारी अलसुबह तक यहां मौजूद रहे।
संयोगितागंज पुलिस के मुताबिक डॉ. श्वेतांक सोनी निवासी ब्लू डायमंड अपार्टमैंट पलासिया की शिकायत पर पुलिस ने दीपक पुत्र गोरेलाल सोलंकी, प्रदीप पुत्र गोरेलाल सोलंकी और उनके साथियों पर मारपीट का केस दर्ज किया है। आरोपियों ने डॉ. श्वेतांक, डॉ. सांची पुत्र संतोष, डॉ. केशव पुत्र राजेन्द्र अग्रवाल, गार्ड राधा पति अरुण जोशी और एक अन्य गार्ड के साथ मारपीट की।
रात में मारपीट की घटना पर यहां काफी संख्या में जूनियर डॉक्टर इकट्ठा हो गए थे। पुलिस ने सुबह 4 बजे शासकीय कार्य में बाधा सहित 121,132, 296, 351(2), 3(5) बीएनएस के तह़त केस दर्ज किया है। संयोगितागंज पुलिस के मुताबिक दो आरोपियों को हिरासत में लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
डॉ. श्वेतांक ने बताया कि वे शिशु रोग विभाग में पदस्थ हैं। मंगलवार देर रात करीब 12 बजे वे चेस्ट वार्ड में बैठे थे। तभी शिशु वार्ड में भर्ती बच्चे के परिजन दीपक और प्रदीप सोलंकी उनसे बच्चे की तबीयत को लेकर विवाद करने लगे। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वे लगातार हमसे विवाद कर रहे थे। हमने अस्पताल के गार्ड को बुलाया। लेकिन अटेंडर गार्ड से भी विवाद करने लगे। इस बीच दीपक और प्रदीप के साथी हमारे चैंबर में घुस गए और वहां रखे डॉक्यूमेंट फैला दिये। बच्चे के परिजन के साथ मौजूद महिलाओं ने भी लेडी गार्ड के साथ मारपीट की।
उन्हें अपशब्द कहने से रोका तो दो लोगों ने बुरी तरह से मारपीट करने लगे। इस दौरान अन्य डॉक्टर बचाव करने पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की गई। बाद में महिला गार्ड और अन्य पुरुष गार्ड को भी उन्होंने पीटा। हंगामा बढ़ते देख जूनियर डॉक्टर्स ने अपने साथी डॉक्टरों को भी बुला लिया। इस बीच एमवाय चौकी और संयोगितागंज पुलिस को भी सूचना दी गई।
सूचना के बाद पहुंचे टीआई और अफसर
टीआई सतीश पटेल ने बताया कि सूचना मिलते ही देर रात हम अस्पताल पहुंच गए थे। हमने यहां फोर्स भी लगा दिया था। यहां पर डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटना हुई है। इसके विरोध में यहां सभी डॉक्टर हंगामा करते रहे। वे अटेंडर्स के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने सुबह 4 बजे एफआईआर दर्ज की। इसके बाद डॉक्टर काम पर लौटे।