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भोपाल

एम्स में पहली बार डेथ ऑडिट,  704 लोगों की मौत केकारण जाने, सिर पर चोट लगने से गई 90 लोगों की जान

  • 15 Dec 2023


भोपाल । चिकित्सकीय त्रुटि के कारण मरीज की मौतन हो इसके चलते भारतीय आयुर्विज्ञानसंस्थान (एम्स) भोपाल में कनाडा कीराजधानी ओटावा की गाइडलाइन की तर्जपर पहली बार डेथ ऑडिट किया गया।इसका उद्देश्य संस्थागत मौत को जीरो करनाऔर मरीज की जान बच सके इसके प्रयासकरना है। िरव्यू में सामने आया िक जनवरीसे अब तक एम्स भोपाल में 704 लोगों कीमृत्यु हुई है। सामने आया िक मरीज को जबभर्ती किया गया था तब कई जांचें कराई गईं।दूसरे और तीसरे दिन मॉनीटरिंग के बादउसकी मृत्यु हुई। ऐसे में ओपीडी में स्क्रीनिंगऔर क्लीनिकल इलाज शुरू होने में होनेवाली देरी को कम करने पर बात की गई ।
अब इन मुद्दों पर दियाजाएगा गंभीरता से ध्यानएम्स भोपाल की डेथ ऑडिट रिपोर्टमें 67.8 प्रतिशत पुरुष और 32.2प्रतिशत महिलाओं की मौत काअध्ययन किया गया। अब एम्स केडॉक्टर्स हार्ट अटैक के मरीजों केसाथ स्टेंडर्ड प्रोटोकॉल का पालनकिया करेंगे। मृत्यु के कारणों का पर्चाभरते समय बेहद सावधानी बरतेंगे।वहीं कोड ब्लू फैसिलिटी का बेहतरतरीके से यूटीलाइजेशन किया जानाचाहिए। ब्लू फैसिलिटी यानी ब्लू ड्रेसपहने वे व्यक्ति जो ऑपरेशन औरअन्य तरह की क्लीनिकल सहायताके लिए उपलब्ध रहते हैं।
ज्यादातर मौतों के येरहे मुख्य कारणमल्टी ऑर्गन फेलियर, एडवांस्डकार्सिनोमा, रोड एक्सीडेंट ,सुसाइड, मृत व्यक्ति ही लायागया, एक्सीडेंट में मस्तिष्क मेंचोट, घाव का सड़ना सहितअन्य ऐसे कारण खोजे गए,जिससे मरीजों की मौत हुई है।
^पहली बार डेथ ऑडिट कियागया। यह पहल काफी सराहनीयहै। डॉक्टर्स और हमारा स्टॉफ ऐसेअभिनव प्रयोग के लिए हमेशाआगे रहते हैं। - प्रोफेसर डॉ. अजयसिंह, डायरेक्टर, एम्स