इंदौर। केन्द्र सरकार द्वारा इंदौर सहित देश के 13 एयरपोर्ट के निजीकरण को मंजूरी देते हुए जहा टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए है। वहीं एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया एम्पालाइज यूनियन द्वारा इसका विरोध शुरू कर दिया गया है। वे इसे रोकने के लिए तमिलनाडु माडल की तरह विरोध करेंगे। वहां की सरकार ने अपने चेन्नई एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने से मना कर दिया है। यूनियन मध्यप्रदेश सरकार से भी इस तरह निजीकरण की अनुमति देने से इंकार करने के लिए कहेगी। अगर यहां भी बात नहीं बनी तो इंदौर एयरपोर्ट के अधिकारी-कर्मचारी इसके विरोध में कोर्ट जाएंगे।
जब से इंदौर एयरपोर्ट को निजी हाथों में जाने की चर्चा शुरू हुई है। तब से ही यूनियन इसका विरोध कर रही है। हर बुधवार को एयरपोर्ट पर धरना दिया जाता है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एम्पलाइज यूनियन के इंदौर के सचिव रामस्वरूप यादव ने बताया कि हम इस फैसले का विरोध कर रहे है। कोरोना के पहले तक इंदौर एयरपोर्ट फायदे वाला एयरपोर्ट था। उसे निजी हाथों में क्यों दे रहे है। बजाए इसके घाटे वाले एयरपोर्ट का निजी हाथों में दिया जाए। हमारी यूनियन जयपुर, त्रिवेंद्रम और गुवाहाटी एयरपोर्ट के निजीकरण के विरोध में कोर्ट जा चुकी है। यादव के अनुसार हम तमिलनाडू की तर्ज पर विरोध करेंगे। वहां पर चेन्नई एयरपोर्ट के निजीकरण की बात के बाद तमिलनाडू सरकार ने इसका खुलकर विरोध किया था। इसके बाद यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में जा चुका है।
इसी तरह यूनियन मध्यप्रदेश सरकार से भी इंदौर एयरपोर्ट के निजीकरण का विरोध करने की मांग करेगी। यादव ने बताया कि यूनियन ने तय किया है कि अगर टेंडर प्रक्रिया की जाती है तो इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे। इसके लिए इंदौर से लेकर दिल्ली तक दस्तावेज भी तैयार किए जा रहे हैं। हम कोर्ट में लाभ के एयरपोर्ट निजी कंपनियों को देने के मुद्दे पर विरोध के साथ ही राज्य सरकार द्वारा एयरपोर्ट विस्तार के लिए जो जमीन दी गई थी उसकी शर्तों को भी आधार बनाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने जमीन देते वक्त शर्त रखी थी कि इस जमीन को हस्तांतरीत नहीं किया जा सकेगा, इसके चलते कैसे एयरपोर्ट को किसी कंपनी को दिया जा सकता है।
इंदौर
एयरपोर्ट के निजीकरण के विरोध के लिए तमिलनाडु माडल अपनाएगी कर्मचारी यूनियन
- 13 Sep 2021