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भोपाल

एवरेस्ट के डेथ जोन में फंस गई थीं ज्योति रात्रे, कहा-  3 दिन -20 डिग्री में गीले स्लीपिंग बैग में सोईं, हर 3 घंटे में साफ करना पड़ता था टेंट

  • 10 Jun 2024

भोपाल। कैंप 4 के नजदीक थे, तभी पता चला कि अगले 3 दिन मौसम बहुत खराब रहने वाला है। हमें 7,800 मीटर पर रुकना पड़ा। यह इलाका डेथटेंट जोन कहलाता है। यहां हालात बहुत खराब थे। बाहर नहीं निकल पाते थे। आंधी की वजह से बर्फ टेंट के अंदर आ रही थी। वह हमारे को ढक देती थी। ऐसे में हमें हर 3 घंटे सफाई करनी पड़ी थी। यहां पर करीब -20 डिग्री टैम्परेचर था। इस तरह से 3 दिन और 4 रातें काटी है।
यह कहना है 55 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली ज्योति रात्रे का। ज्योति ने एवरेस्ट की चढ़ाई से जुड़े अनुभवों को साझा किया। कहा- रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था। यह बहुत कठिन समय था। आंधी की वजह से बर्फ अंदर आ रही थी। 3 दिन हमें गीले स्लीपिंग बैग में सोना पड़ा। हालत यह थे कि हम पानी पीने के लिए भी बर्फ नहीं ला पा रहे थे। जो अंदर आ रही थी, वही पी रहे थे।
19 मई की सुबह रखा चोटी पर कदम
55 साल की उम्र में भोपाल की महिला पर्वतारोही ज्योति रात्रे ने माउंट एवरेस्ट की 8848.86 मीटर की चोटी पर पहुंचने का कारनामा किया है। 8ङ एक्सपिडिशन के अनुसार वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढऩे वाली सबसे उम्रदराज भारतीय महिला हैं।
पेम्बा शेरपा के अनुसार, भोपाल की रात्रे 19 मई को सुबह 6:30 बजे शिखर पर पहुंचीं। इससे पहले एल्ब्रस, किलिमंजारो, आइलैंड पीक और कोसियुज्को सहित कई चोटियों पर चढ़ाई कर चुकी हैं। ज्योति रात्रे का कहना है कि मैं एक एक बिजनेस वूमन हूं। मेरे पति केके रात्रे मध्य प्रदेश विद्युत मंडल एचआर में जनरल मैनेजर हैं। मुझे दुनिया की सेवन समिट करनी हैं। सबसे पहला ट्रैक साल 2017 में मनाली में किया था, यहां जाकर ऐसा लगा कि मुझे पर्वतों पर जाते रहना चाहिए। वे हमें उनकी तरफ खींचते हैं।
आखिर के 28 घंटे कभी नहीं भूल सकती
ज्योति बताती हैं कि वह जब चोटी पर पहुंची तो लोग बहुत कुछ सोचते हैं मगर उस समय वह जीरो इमोशन थीं। उन्होंने कहा कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। वहीं आखिरी 28 घंटे सोई नहीं। इस पूरे 28 घंटे मैं सिर्फ चलती रही। इस बीच माइनस 20 से लेकर माइनस 40 तक टेंप्रेचर का सामना किया। ये 28 घंटे हमेशा मुझे याद रहेंगे। ज्योति कहती हैं कि वापस आने के बाद मैंने देखा कि मेरी पैर की कुछ अंगुलियां गल चुकी हैं। जिसका ट्रीटमेंट अब तक चल रहा है।