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एसिड रिफ्लक्स में ये 10 तरीके देंगे राहत

  • 01 Apr 2022

एसिड रिफ्लक्स की समस्या उस वक्त होती है जब पेट में मौजूद एसिड ग्रासनली या गले की तरफ बढ़ता है. इसके चलते छाती और गले में दर्द-जलन महसूस होती है. अमेरिका में 15 में से एक व्यक्ति में एसिड रिफ्लक्स की समस्या बहुत सामान्य है. इससे राहत पाने के लिए बहुत से लोग पानी की तरह पैसा बहाते हैं. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट दावा करते हैं कि लाइफस्टाइल में आसान बदलाव और घरेलू उपायों के साथ भी इसे दूर किया जा सकता है.
सोते वक्त कैसा हो बॉडी पोश्चर?
एसिड रिफ्लक्स से अक्सर रात में ज्यादा बेचैनी होती है. क्योंकि रात को जब हम लेटते हैं तो पेट से गले तक एसिड रिफ्लक्स का फ्लो आसान हो जाता है. इसलिए इससे बचने के लिए आपको अपने स्लीपिंग पैटर्न पर भी ध्यान देना चाहिए. साल 2011 में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, सिर की तरफ से एक सप्ताह बेड 8 इंच ऊपर करके सोने वालों के सीने में जलन और नींद से जुड़ी दिक्कतों में सुधार देखा गया.
डिग्लाइकाइरिजेनेटिड लिकोराइस 
लिकोराइस एक जड़ीबूटी है जिसका इस्तेमाल लंबे समय से पेट संबंधित बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है. DGL लिकोराइस का एक बदला हुआ रूप है जिसके ग्लाइसीराइजिन कम्पाउंड को हटा दिया गया है, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है. DGL हमारी ग्रासनली में इन्फ्लेमेशन की समस्या को कम करके एसिड रिफ्लक्स में आराम पहुंचाता है. इसके अलावा अदरक, कैमोमाइल और मार्शमैले की जड़ी भी एसिड रिफ्लक्स में फायदा पहुंचाती है.
थोड़ा-थोड़ा खाएं
एक बार में ज्यादा मात्रा में खाने से स्फिंक्टर (अवरोधिनी) पर दबाव बढ़ता है जो पेट को ग्रासनली से अलग रखती है. इससे स्फिंक्टर के खुलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है और एसिड रिफ्लक्स का फ्लो ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है. इसलिए एक बार में ज्यादा खाने की बजाए थोड़ी-थोड़ी क्वांटिटी में खाएं. उदाहरण के लिए, तीन बार पेट भरकर खाने से बेहतर होगा आप पांच बार थोड़ा-थोड़ा खाएं.
कॉफी पर कंट्रोल
अगर आपको कॉफी पीना पसंद है तो इसे जल्द से जल्द कंट्रोल करने की कोशिश करें. कॉफी ना सिर्फ एक एसिडिक बेवरेज है, बल्कि इसे पीने के बाद आपका पेट ज्यादा एसिड प्रोड्यूस करता है जो बाद में आपके गले चढ़ जाता है. कैफीन से हमारी लोअर ऐसोफैगल स्फिंक्टर भी सुस्त पड़ जाती है जिससे पेट में जमा एसिड ऊपर की तरफ जाने लगता है.
इन चीजों से करें परहेज
खाने की कुछ चीजें एसिड रिफ्लक्स को बढ़ावा देने का काम करती है. इसलिए आपको ऐसी चीजों से सख्त परहेज करना चाहिए जो हमारा डाइजेशन सिस्टम स्लो करने का काम करती हैं. आपको चीज़, फ्राई फूड, प्रोसेस्ड फूड जैसे कि चिप्स, फैटी मीट जैसे कि बेकॉन, चॉकलेट, चिली पाउडर और पिज्जी जैसी चीजों से सख्त परहेज करना चाहिए.
कौन सी चीजें खाएं?
एसिडिक चीजों की बजाए अल्कालाइन वाली चीजें खाएं जो रिफ्लक्स को रोकने का काम कर सकती हैं. हाई ph लेवल वाली चीचों में अल्कालाइन ज्यादा होता है. इसमें फूलगोभी, सौंफ और केला जैसी चीजें शामिल हैं.
ज्यादा फाइबर
साल 2018 में हुई एक छोटी से स्टडी के मुताबिक, नॉन एरोसिव एसिड रिफ्लक्स डिसीस से पीड़ित लोग जो बहुत कम फाइबर का सेवन करते हैं, साइलियम फाइबर सप्लीमेंट्स लेने के बाद उनमें एसिड रिफ्लक्स और सीने में जलन की समस्या कम देखी गई है. चूंकि फाइबर लंबे समय तक हमारी भूख को शांत रख सकता है, इसलिए इससे एसिड रिफ्लक्स के ट्रिगर होने की संभावना भी कम हो जाती है.
खाने के बाद क्या करें
खाने के बाद लगभग तीन घंटे सीधे खड़े रहने से भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या खत्म हो सकती है. इसका मतलब साफ है कि अगर आप सोने से कुछ घंटे पहले डिनर कर लें तो आपको चलने-फिरने या खड़े रहने का पर्याप्त समय मिल जाएगा. जब आप खड़े रहते हैं तो गुरुत्वाकर्षण बल एसिड को पेट से ऊपर नहीं जाने देता.
बाईं तरफ सोएं
बाईं तरफ करवट लेकर सोने से भी एसिड रिफ्लक्स से बचा जा सकता है. साल 2015 में हुई एक छोटी सी स्टडी के मुताबिक, बाईं तरफ करवट लेकर बॉडी के अपर पार्ट को हल्का सा ऊंचा रखकर सोने वालों में एसिड रिफ्लक्स की समस्या कम देखी जाती है. 2006 में कई स्टडीज का विश्लेषण बताता है कि दाईं तरफ करवट लेकर सोने वालों को एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत ज्यादा होती है. हालांकि इसके वैज्ञानिक अभी तक इसके पीछे की वजहों को नहीं पहचान पाए हैं.
एलोवेरा जूस
कुछ स्टडीज ये बताती हैं कि एलोवेरा जूस का सेवन करने से भी एसिड रिफ्लक्स में राहत पाई जा सकती है. साल 2015 में हुई एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना करीब 10एमएल एलोवेरा सिरप पीने से एसिड रिफ्लक्स में राहत मिल सकती है. इस नुस्खे को दवाओं से ज्यादा असरदार माना गया है.
साभार आज तक