बैंक खाता हो रहा खाली, ऑनलाइन खरीदी करने वाले बन रहे सायबर अपराधियों के शिकार
इंदौर। इन दिनों ऑनलाइन खरीदी का चलन बढ़ा है और इसके साथ ही एकाएक ऑनलाइन ठगी के मामलों में भी तेजी आई है। ऑनलाइन खरीदी में जरा सी चूक से लोग सायबर अपराधियों के शिकार बनकर उनका बैंक खाता खाली हो जाता है। बीते तीन वर्षों में ऑनलाइन ठगी की करीब 40 हजार शिकायतें पुलिस के पास पहुंची और यह आंकड़ा हर रोज बढ़ता ही जा रहा है।
आन लाइन ठगी के दौरान करोड़ों रुपए की ठगी के मामले पहले भी उजागर हो चुके हैं। फर्जी एडवाइजरी,नौकरी दिलाने के नाम,शादी के नाम पर,बिजली कनेक्शन काटने ,केवायसी अपडेट करने,मनचाहा लोन कम ब्याज पर देने के बहाने आदि से आन लाइन ठगी के सैकड़ों मामले दर्ज हो चुके हैं। क्राइम ब्रांच और स्टेट सायबर सेल सायबर क्राइम से बचने के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी करती है। जागरुकता अभियान भी चलाए जाते हैं लेकिन उसके बाद भी लोग लालच में फंसकर आन लाइन ठगी के शिकार हो जाते हैं।
लिंक पर क्लिक करते ही ...
पुलिस के पहुंची ऑनलाइन ठगी की शिकायत की जांच में सामने आया है कि दिल्ली,यूपी,राजस्थान,जामताडा जैसे स्थानों से इस तरह की फर्जी वेब साइट का संचालन हो रहा है। ये ग्राहक से किसी बहाने जानकारी हासिल करते हैं,किसी लिंक को सेव करने की बात कहते हैं और बैंक खातों से पैसा गायब कर देते हैं। इस तरह की ठगी से बचने के लिए किसी भी साइट की सच्चाई पता लगाने के बाद ही आन लाइन खरीददारी करें।
मिलते-जुलते नाम या मोनो
आन लाइन ठगी में लगे सायबर अपराधी बेहद शातिर हैं। वे नामी कंपनी से मिलते जुलते नाम या मोनो से वेब साइट बनाकर इंटरनेट पर डाल देते हैं। खरीददारी करने वाला इनका शिकार होता है तो ये उससे मोबाइल पर ही कई जानकारियां ले लेते हैं या फिर किसी लिंक पर क्लिक करने का कहते हैं,कुछ राशि ट्रांसफर करने का कहते हैं। लिंक पर क्लिक करने या पैसा ट्रांसफर करते ही ठग आपका सारा डाटा चुरा लेते हैं। उसके आधार पर ये आपके खाते को खाली कर देते हैं। खरीददार के पास जब खाते में से पैसा निकलने का मैसेज मिलता है तब उसे सच्चाई पता चलती है।
उच्च शिक्षित भी बनते हैं शिकार
सायबर ठगी का शिकार केवल कम पढ़े-लिखे लोग ही नहीं हो रहे हैं। इसमें बड़ी संख्या में उच्च शिक्षित वर्ग जैसे साफ्टवेयर इंजीनियर, एमटेक, बीटेक, एमबीएस भी है। सायबर सेल पर 3 माह में ऐसी 20 शिकायतें पहुंची हैं। उनसे लाखों की ठगी हुई है। यह खुलासा सायबर सेल के पास पहुंची शिकायतों में हुआ है। समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो ठगी का शिकार न हो रहा हो। सायबर सेल के पास पहुंची शिकायतों में साफ्टवेयर इंजीनियर, एमटेक, एमबीए, एमसीए, सीए तो कुछ डॉक्टर भी है जो ठगी का शिकार हुए है। सभी को सायबर ठगोरों ने पांच लाख से बीस लाख तक का चूना लगाया है।
प्ले स्टोर से डाउनलोडिंग बंद
मिरर एप की मदद से आपके फोन में जालसाजों द्वारा एक्सेस करने के अनेक मामले सामने आ चुके हैं। इसके लिए जालसाज कॉल कर पहले प्ले स्टोर से मिरर एप यानी एनिडेस्क जैसी एप्लीकेशन डाउनलोड करवाते थे। इसे लोग समझने लगे तो उन्होंने मिरर एप के लिए डॉक फाइल या फॉर्म लिंक भेजना शुरू कर दी है। देवघर निवासी अफजल अंसारी ने ये बारीकी पुलिस की पूछताछ में बताई।
ठगी का शिकार हो जाएं तो..
क्राइम ब्रांच द्वारा भी ऑनलाइन ठगी व सायबर फ्राड की रोकथाम में सहायता को लिए सायबर हेल्प लाइन चलाई जा रही है। इस पर फोन कर भी फ्राड संबंधी शिकायत करवाई जा सकती है। यदि सायबर क्राइम की सूचना जल्दी मिल जाती है तो ठगी किए गए पैसे भी वापस दिलवाए जा सकते हैं। ठगी की सूचना तुरंत अपने नजदीकी थाना पर दे या क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित सायबर हेल्प लाइन नंबर 7049124445 पर सूचित करें।
बचने का हथियार सतर्कता
स्टेट सायबर सेल एसपी जितेंद्रसिंह कहते हैं कि अब अपराधी भी हाईटेक हो चुके हैं। हमारी जरा सी चूक के कारण उन्हें वारदात करने का मौका मिल जाता है। इंटरनेट का उपयोग करने वालों को यदि इस तरह की वारदातों से बचना है तो उनका सबसे बड़ा हथियार सतर्कता ही है। यदि आप वर्चुअल वल्र्ड का उपयोग करते समय अलर्ट रहेंगे तो कभी भी नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
अलर्ट रहें वारदात से बचें
एडिशनल कमिश्नर,क्राइम राजेश हिंगणकर ने अब आम लोगों को आन लाइन खरीददारी में सतर्कता बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं कि कई नामी कंपनियों के नाम से फर्जी वेब साइट बनाकर लोगों को सस्ता माल देने के बहाने ठगी होने लगी है। सावधानी से ही इस ठगी से बचा जा सकता है। किसी भी अंजान व्यक्ति को अपने एकाउंट,क्रेडिट कार्ड, वॉलेट की व्यक्तिगत जानकारी जैसे ओटीपी, पिन, सीवीवी आदि किसी को ना दे अन्यथा आप ठगी के शिकार हो सकते हंै।
इंदौर
ऑनलाइन फ्रॉड - जरा सी चूक में लग रही चपत
- 30 Jun 2023