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ओमिक्रॉन हुआ और खतरनाक: केंद्र सरकार ने सात राज्यों के महानगरों को रखा अलर्ट पर

  • 24 Dec 2021

नई दिल्ली। देश में अब तक करीब ओमिक्रॉन से संक्रमित होने वाले 27 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने न तो कोई विदेश यात्रा की है और न ही विदेश से लौटे किसी शख्स के संपर्क में आए हैं। इनमें तीन मामले राष्ट्रीय राजधानी से भी सामने आए हैं, जो एक पांच सितारा होटल में शादी समारोह के दौरान संक्रमित हुए। इसी के चलते केंद्र सरकार ने देश के सात राज्यों के महानगरों को अलर्ट पर रखा है।
हालांकि, अभी तक देश में ओमिक्रॉन के सामुदायिक प्रसार की पुष्टि स्वास्थ्य मंत्रालय ने नहीं की है। लेकिन केंद्र को आशंका है कि इन महानगरों में सबसे पहले सामुदायिक प्रसार हो सकता है। इसलिए दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के महानगरों में प्रत्येक कोरोना संक्रमित मरीज के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इन सभी राज्यों के स्वास्थ्य निदेशक और सचिव को लिखित निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं।
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बुधवार रात तक देश में ओमिक्रॉन के 222 मामले दर्ज हुए थे। इनमें से 60 मरीजों की यात्रा की कोई जानकारी नहीं मिली है। यह सभी मामले दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े महानगरों के निवासी हैं। इसलिए मंत्रालय ने राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पत्र लिखा है। इस बारे में इंडियन सार्स-कोवी-2 जिनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकॉग) के नेटवर्क से जुड़ी लैब को भी सूचित किया गया है। ताकि प्रत्येक कोरोना संक्रमित मरीज की जीनोम सीक्वेंसिंग हो सके। दिल्ली में बीते बुधवार से यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यहां चार लैब में करीब 100 से 125 सैंपल सीक्वेंस किए जा रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि देश में दो दिसंबर को पहले दो ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज मिले थे।
महानगरों में बन रहे स्थानीय क्लस्टर
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि महानगरों में ओमिक्रॉन के सामुदायिक प्रसार होने की आशंका अधिक है। इन महानगरों में स्थानीय क्लस्टर भी दिखाई दे रहे हैं। इसलिए राज्यों को निगरानी अधिक से अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। समय रहते इन मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए क्वारंटीन, जांच, आइसोलेशन पर बेहतर तरीके से कार्य करना पड़ेगा।
साभार अमर उजाला