संसार में साधक को बाधा है, अगर दृष्टि गलत हो;
अन्यथा संसार में सीढिय़ां लगी हैं परमात्मा तक जाने की।
संसार सहायक हो जाता है, बाधक नहीं।
संन्यास अंतर्भाव की दशा हो,
भीतर की क्रांति हो और संसार में ही घटे तो ही मूल्यवान है।
चिंतन और संवाद
OSHOकहिन : संसार में साधक को...
- 12 Jan 2020