योजना की प्रक्रिया नहीं बता पाए तहसीलदार, कलेक्टर बोले राजस्व अधिकारियों का असल काम अब शुरू होगा
खरगोन। खरगोन में अब तक निर्वाचन जैसे कुछ आवश्यक कार्य संपादित किए जा रहे थे। इस कारण टाइम लिमिट और वास्तविक रूप से नागरिकों को सुविधाएं देने वाले कार्यों पर असल मायने में समीक्षा नहीं हो पा रही थी। लेकिन राजस्व अधिकारियों का असल काम अब शुरू होगा। यह बात कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने राजस्व अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि अब किसी तरह से भी राजस्व अधिकारियों का लचर काम बर्दास्त नहीं होगा। इसके लिए राजस्व अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में एक रेगुलेटरी और नियंत्रण अधिकारी के तौर पर अपनी क्षमताएं दिखानी होगी। कलेक्टर कुमार ने जिला स्तर के राजस्व अधिकारी के साथ वीसी कक्ष में और अन्य अनुभागों के राजस्व अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़कर राजस्व की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक के दौरान अपर कलेक्टर जेएस बघेल, डिप्टी कलेक्टर ओमनारायण बड़कुल सहित खनिज अधिकारी सावन चौहान और सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी भारत सिंह जमरे उपस्थित रहे।
तहसील वार चालू और बकाया वसूली की समीक्षा की
बैठक के दौरान कलेक्टर कुमार ने सभी तहसीलदारों से चालू वित्तीय वर्ष और बकाया वर्षों की राजस्व वसूली की जानकारी ली। इससे पहले आयोजित हुई राजस्व अधिकारियों की बैठकों में वास्तविक बकाया और वसूल की गई राजस्व वसूली की जानकारी प्रस्तुत नहीं कर पा रहे थे तहसीलदार। रविवार को आयोजित हुई बैठक में सभी तहसीलदारों ने वास्तविक स्थिति प्रस्तुत की। जिसके आधार पर सभी नायब तहसीलदारों और तहसीलदारों को 15 दिनों में राजस्व सहित अन्य मदों में 83 लाख रुपये वसूली का लक्ष्य दिया गया। कलेक्टर कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि बड़े बकायादारों के बैंक खाते फ्रीज करे और कुर्की भी कराए। राजस्व वसूली के मामले में खरगोन नायब तहसीलदार और तहसीलदार मिलकर 25 लाख रुपये वसूल करेंगे। इसके बाद बड़वाह को 15 लाख, सनावद, कसरवाद और महेश्वर को 10-10 लाख रुपये, भीकनगांव को 5 लाख और सेगांवा, भगवानपुरा, झिरन्या और गोगावां को 2-2 लाख रुपए वसूली के निर्देश दिए गए हैं।
2575 आवेदनों में 2488 पूर्ण हुए और तहसीलदार ने 700 लंबित बता दिएराजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर ने बैठक में मुख्यमंत्री आवासीय भूअधिकार योजना की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान सनावद तहसीलदार द्वारा 96 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका था। सनावद तहसील में 2575 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें 2488 पूर्ण कर लिए गए हैं। जबकि उनसे बचे 4 प्रतिशत की जानकारी चाही गई तो 700 से 800 प्रकरण लंबित बता दिए। कलेक्टर कुमार ने इस जवाब पर झूठ पकड़ते हुए। इस योजना में होने वाली प्रक्रिया के बारे में पूछ लिया। तहसीलदार प्रक्रिया नहीं बता पाए। कलेक्टर कुमार ने कहा कि बेसिक्स पता नहीं तो आगे कार्यवाही कैसे होगी? सनावद तहसीलदार शिवराम कनासे सहित अन्य तहसीलदारों से योजना की प्रक्रिया के बारे में पूछा गया। इन नक्शों के प्रथम प्रकाशन को लेकर कलेक्टर कुमार ने कसरावद तहसीलदार रमेश सिसोदिया से प्रकाशन की जानकारी ली गई। तहसीलदार से आरओआर की एंट्री के बारे में पूछा गया तो पूरी असल प्रक्रिया नहीं बता पाए। साथ ही अन्य तहसीलदारों से भी इस प्रकार से पूछा गया। तहसीलदारों द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कलेक्टर कुमार ने कहा कि स्वयं को प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने से स्टॉप जो बता देते हैं उसी को सत्य मान लेते हैं। इसलिए नीचे के स्टॉप पर पकड़ होनी चाहिए।
खरगोन
कलेक्टर ने पकड़ा तहसीलदार का झूठ
- 01 Aug 2022