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कहीं हो रहा झमाझम का इंतजार तो कहीं... जलप्रलय

  • 04 Aug 2021

हालात बेकाबू, सेना ने संभाली जिम्मेदारी: शिवपुरी-श्योपुर, ग्वालियर, दतिया में 2500 से ज्यादा लोग बाढ़ में फंसे, 100 से ज्यादा गांव खाली कराए
ग्वालियर/चंबल। मध्यप्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में इस बार मानसून के अलग ही रंग देखने को मिले रहे हैं। प्रदेश में भी स्थिति ऐसी है कि कहीं-कहीं पर औसत से काफी कम बारिश हुई है और लोगों को झमाझम का इंतजार है, तो कहीं-कहीं पर बारिश के जल ने प्रलय ला दी है। जहां सेना को मोर्चा सभंालना पड़ रहा है। शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर और दतिया में लगातार बारिश और उफनती नदियों ने हालात बेकाबू कर दिए हैं।
मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया का मानना है कि करीब 2 हजार के लगभग लोग शिवपुरी में फंसे हैं। पूरे अंचल में बाढ़ का केन्द्र शिवपुरी बना हुआ है। यहां हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। इसके अलावा ग्वालियर-चंबल अंचल में 2500 से ज्यादा लोग प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठे हैं। मंत्री सिसौदिया का कहना है कि आज से सेना रेस्क्यू का कार्य शुरू कर देगी। प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा संकट बहुत बड़ा है।।
एक सप्ताह से लगातार बारिश और बांधों के फुल होने के बाद नदियों में छोड़े गए कई लाख क्यूसेक पानी ने ग्वालियर-चंबल अंचल हालात जिला प्रशासन के काबू से बाहर कर दिए हैं। सबसे ज्यादा अंचल के शिवपुरी, श्योपुर, दतिया और ग्वालियर जिले प्रभावित हुए हैं। शिवपुरी के करैरा, पोहरी विधानसभा के एक सैकड़ा से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इसके साथ ग्वालियर के शिवपुरी से लगे भितरवार और मोहना में बुरी हालत है। सिंध, पार्वती, कूनो, नोन नदियों के किनारे बसे कई गांव पानी में डूब गए हैं। प्रदेश के मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया की माने तो शिवपुरी के पोहरी में उन्होंने निरीक्षण किया है। मंत्री सिसोदिया का कहना है कि अकेले शिवपुरी में 2000 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। वायु सेना के हेलिकॉप्टर लगातार रेस्क्यू कर रहे हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण उतनी मदद नहीं हो पा रही है।
शिवपुरी
यहां करीब 2 हजार से ज्यादा लोग अभी भी राहत की उम्मीद में यहां वहां फंसे हुए हैं। करीब एक सैकड़ा से ज्यादा गांव पानी के कारण खाली करा लिए गए हैं। करैरा, पोहरी के सिरसौद के सूढ़ेश्वर मंदिर के आसपास पानी भर गया है। यहां महुअर नदी में बाढ़ आ गई है। मंदिर की चोटी पर 19 लोग फंसे हैं। जिन्होंने अपना वीडियो बनाकर प्रशासन को भेजा है। पानी को बहाव तेज होने के कारण यहां तक मदद नहीं पहुंच पा रही है। इसी तरह नरवर में पानी के बहाव में 12 लोग बह गए हैं। इनका कुछ पता नहीं है। बचाव करने जा रही टीम एक नाले में बहने लगी और पलटने से बची। यहां कल से बचाव कार्य के लिए सेना को लगाया जा रहा है। शिवपुरी में बिछि गांव, खयावदा, नरवर, कोलारस, बुची, मगरौनी, बरखेड़ी, आढऱ, करैरा गांव में बुरे हालात हैं। रात तक 1600 लोगों को बचाया भी जा सका है।
ग्वालियर
धोबट, लोढ़ी, कठौद व गधौटा, खेड़ा, डडूमर, मोहनगढ़, देवगढ़, पवाया, सहारन, घाटखेरिया, भोजला की पहाडिय़ा, मछरिया, बांसोड़ी सिहत एक सैकड़ा से ज्यादा गांव में बूरे हालात हैं। यहां 2 अगस्त में जो हालात थे उससे भी बुरी स्थिति हो गई है। यहां से काफी संख्या में लोगों को बचाया जा रहा है। भितरवार में कई गांव ऐसे हैं जहां पानी के बहाव में बचाव दल भी नहीं जा पा रहे हैं और लोग गांव में ऊंचे भवन या मंदिरों में छुपकर बैठे हैं। साथ ही खुले मैदानों में राहत कैंप बनाए हैं।
दतिया
दतिया में भी सिंध नदी के उफान ने तूफान मचा रखा है। यहां गोराघाट के पास सिंध नदी पर बना लांच का पुल बह गया है। करीब 18 फीट पानी बह रहा है। इसी तहर रतनगढ़ मंदिर के पास का पुल भी पानी में डूब गया है। आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। करीब आधा सैकड़ा गांव में लोग फंसे हुए हैं।