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इंदौर

कांग्रेस को जरूरत है भाजपा के गढ़ो को ढहाने वाले नेताओ की

  • 25 Sep 2023

इंदौर। विधानसभा चुनाव में अब 100 दिन भी मुश्किल से बचे होेंगे, लेकिन दोनों पार्टियों के लिए पराजय वाली सीटें सिरदर्द बनी हुई है। पिछले चुनाव में भाजपा को 103 सीटों पर पराजय मिली थी, जबकि कांग्रेस प्रदेश की उन 66 सीटों पर जीत हासिल करने का प्रयास कर रही है जो सालों से भाजपा के पास है। इसमें इंदौर की भी तीन सीटें शामिल है। जहां तक इंदौर का सवाल है तो यहां पर कांग्रेस की स्थिति जरा भी मजबूत नहीं दिख रही है, जो आंकड़े  सामने आए है उसके मुताबिक विधानसभा - 2 में 30 साल, विधानसभा - 4 में 33 साल तथा विधानसभा - 5 में 20 साल से कांग्रेस को जीत नहीं मिली है।
इस चुनाव में कांग्रेस यहीं प्रयास कर रही है इस बार भाजपा की इन तीनों सीटों को ढहा दिया जाए । 150 सीटों के साथ सरकार बनाने का सपना देख रही कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचने के लिए काफी जोर लगाना पड़ेगा। आज की स्थिति में कांग्रेस के पास ऐसा कोई दमदार नेता नहीं है जो भाजपा के गढ़ वाले क्षेत्र में डंके के साथ जीत हासिल कर ले। विधानसभा एक को छोड़कर कांग्रेस के पास किसी भी विधानसभा के लिए कोई प्रबल दावेदार नजर नहीं आ रहा है।
15 अक्टूबर के बाद हो सकता है प्रियंका का रोड शो
कांग्रेस की स्टार प्रचारक
प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार का माहौल बनाने के लिए जल्द ही मप्र का शुरू करने जा रही है। प्रारम्भिक जानकारी के मुताबिक प्रियंका 15  से अक्टूबर के बीच इंदौर आएंगी।  वे यहाँ पर आम सभा को सम्बोधित करने से पहले शहर में कांग्रेस प्रत्याशियों का माहौल बनाने के लिए रोड शो करेंगी। सभा और रोड शो के सन्दर्भ में प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला शहर कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुके है। बताया गया है की अगली बैठक में  प्रियंका की सभा की तिथि व रुट फायनल होगा। हालांकि इसकी तिथि अभी तय नहीं है।माना जा रहा है कि 15  से 17 अक्टूबर के  बीच  इंदौर में उनकी सभा हो सकती है। बताया गया है की पिछले  दिनों  भोपाल में हुई बैठक में शहर कांग्रेस कमेटी ने  सुरजेवाला के समक्ष बड़ा गणपति से राजवाड़ा वाले हिस्से में प्रियंका का रोड शो का रूट रखा था । फिलहाल ये प्रस्तावित योजना है।
ये है शहरी विधानसभा सीटों का सफरनामा
विधानसभा 1  कांग्रेस और भाजपा  ने 5 चुनाव जीते,  संजय शुक्ला ने दो चुनाव लड़े और एक जीत एक हारा, भाजपा के सुदर्शन गुप्ता ने भी तीन चुनाव लड़े, दो जीते, एक हारा, ललित जैन ने तीन चुनाव  लड़े दो जीते एक हारा, रामलाल यादव ने दो चुनाव लड़े एक जीत एक हारा तथा इसी विधानसभा से चुनाव जीतकर उषा ठाकुर पहली बार विधायक बनी
विधानसभा  2 - 1952 में पहली मर्तबा चुनाव हुए । तब लेकर 90 तक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक दो में कांग्रेस लगातार जीतती रही, 1990 में आखिरीबार कांग्रेस से सुरेश सेठ चुनाव जीते थे। उन्होंने विष्णुप्रसाद शुक्ला को 1200 वोटों से पराजित किया था। 1993 में शहर कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर रहते हुए पंडित कृपाशंकर शुक्ला को कैलाश विजयवर्गीय ने 20883 वोटों से पराजित किया था। 30 साल गुजर गए लेकिन कांग्रेस आज तक यहां से नहीं जीती।
विधानसभा 3 - कांग्रेस 4 तथा भाजपा ने 5  बार चुनाव जीते,  कांग्रेस के अश्विन जोशी ने 5 चुनाव लड़े जिसमे से 3 जीते 2 हारे, गोपी नेमा ने चार चुनाव लड़े, इसमें दो हारे और दो जीते।  उषा ठाकुर चुनाव जीतकर दूसरी बार विधायक व मंत्री बनी तथा आकाश विजयवर्गीय ने पहली बार में ही चुनाव जीतकर विधायक बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।
विधानसभा 4-  1985 में कांग्रेस के नंदलाल माटा ने भाजपा के श्रीवल्लभ शर्मा को 5500 वोटो से पराजित किया था।  इसके बाद इंदौर चार से हमेशा भाजपा का झंडा लहराता रहा।  भाजपा की लगातार जीत ने इंदौर - 4 को  बना दिया मिनी अयोध्या। 2018 में शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढ़ा को भाजपा की मालिनी गोड ने 30 से भी ज्यादा वोटो से हराया था।  33 साल से कांग्रेस इंदौर चार की सीट जीतने का सपना देख रही है।
विधानसभा 5 - 2003 से कांग्रेस की हार का सिलसिला प्रारंभ हुआ।  भाजपा के महेंद्र हार्डिया ने कांग्रेस की श्रीमती शोभा ओझा को 22000 मतों से पराजित किया था।  इसके बाद से ही कांग्रेस लगातार हारती रही।  20 साल से कांग्रेस यहाँ जीत की तलाश में है।