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इंदौर

कांग्रेस को हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, अब नई मतदाता सूची पर होंगे नगर निगम के चुनाव

  • 16 Dec 2021

इंदौर।  मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, खंडपीठ इंदौर के न्यायाधीश सुजय पॉल एवं  न्यायाधीश  प्रणय वर्मा की युगल पीठ ने आज मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव  दिलीप कौशल द्वारा प्रस्तुत याचिका में महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए राज्य निर्वाचन आयोग, मध्यप्रदेश शासन, जिला निर्वाचन अधिकारी सहित सभी रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को आदेश दिये कि मार्च 2021 में प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची पर चुनाव न हों तथा याचिकाकर्ता दिलीप कौशल द्वारा प्रस्तुत करीब 1 लाख 25 हजार फर्जी मतदाताओं के संबंध में प्रस्तुत दावा आपत्ति दिनांक 15.2.2021 नगर निगम चुनाव की घोषणा के पूर्व निराकृत की जाएं।
न्यायालय द्वारा यह भी निर्देश दिया के यदि याचिकाकर्ता दिलिप कौशल द्वारा अपनी पुरानी दावा आपत्ति 15 फरवरी 2021 के अतिरिक्त अन्य आपत्ति भी मतदाता सूची में फर्जी नाम होनें के संबंध में ली जाती है, तो उन्हें भी चुनाव अधिकारी द्वारा हटाया जाए। निगम चुनाव हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा मार्च 2021 में अंतिम की गई मतदाता सूची में 1.25 फर्जी मतदाता होने का आरोप लगाते हुवे कांग्रेस के पूर्व पार्षद श्री दिलीप कौशल ने आपत्ति पेश की थी जिसे दरकिनार कर मतदाता सूची अंतिम कर दी थी ।मतदाता सूची की निष्पक्ष जांच एवं भौतिक सत्यापन की मांग लेकर कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल पूर्व मंत्री  सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधो, जीतू पटवारी, संजय शुक्ला, विशाल पटेल, विनय बाकलीवाल, राजेश चौकसे, सुरजीत चड्डा, दिलीप कौशल, रवि गुरनानी,श्रीमती शशि यादव सहित अनेको नेता संभागीय आयुक्त से मिले थे।  जिस पर संभागीय आयुक्त  पवन शर्मा ने जांच आदेशित कर प्रतिवेदन कलेक्टर जिला इंदौर से चाहा था प्रतिनिधि मंडल द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से भोपाल में मुलाकात कर ज्ञापन दिया था। फर्जी मतदाताओं के संबंध में विगत दिनों पूर्व मंत्री श्री सज्जन वर्मा, शहर अध्यक्ष श्री विनय बाकलीवाल, राजेश चौकसे ने सभी संभावित प्रत्याशियों, मंडलम एवं ब्लॉक अध्यक्षो की बैठक कर फर्जी नामो की सीडी सभी को देकर भौतिक सत्यापन के निर्देश दिये थे पूर्व मंत्री श्री वर्मा, शहर अध्यक्ष बाकलीवाल ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है । याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता  विभोर खंडेलवाल द्वारा की गई, शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव द्वारा पक्ष रखा गया तथा बहस लगभग एक घंटा चली।