नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को 9 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से मिली खुशी छिन गई है। केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को निष्प्रभावी कर दिया है, जिसमें दिल्ली सरकार को अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार मिल गया था। 11 मई को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली संवैधानिक बेंच ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और लैंड को छोड़कर अन्य मामलों में प्रशासन पर नियंत्रण चुनी हुई सरकार का होगा। देश की सबसे बड़ी अदालत से मिले अधिकार के बाद खुशी मना रही केजरीवाल सरकार ने फटाफट कई फैसले भी लिए, लेकिन एलजी से मंजूरी लंबित होने की वजह से इन्हें लागू नहीं किया जा सका। अब केंद्र सरकार ने नए अध्यादेश के जरिए दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का नया सिस्टम लागू कर दिया है।
गर्वनमेंट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस 2023 के जरिए केंद्र सरकार ने नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी (NCCSA) का गठन कर दिया है। राजधानी दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग और सेवा से जुड़े फैसले अब एनसीसीएसए के माध्यम से होंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अथॉरिटी के मुखिया होंगे, लेकिन फैसला बहुमत से होगा। एनसीसीएसए में दिल्ली के सीएम के अलावा मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव गृह सदस्य होंगे। किसी भी विवाद की स्थिति में एलजी का फैसला अंतिम होगा। केंद्र के अधीन विषयों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में अथॉरिटी ग्रुप ए और दिल्ली में सेवा दे रहे DANICS अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की सिफारिश करेगी, जिस पर अंतिम मुहर एलजी ही लगाएंगे। इसका मतलब है कि अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास वह अधिकार नहीं रह गया, जो सुप्रीम कोर्ट से उन्हें मिला था। अध्यादेश को 6 महीने में संसद से पास करना होगा। इसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
साभार लाइव हिन्दुस्तान
दिल्ली
केजरीवाल से 'पावर' छीनने की क्या वजह, अध्यादेश में ही केंद्र ने दी एक दलील
- 20 May 2023