कूनो से पहले गांधीसागर में शुरू होगी सफारी, दिसंबर में यहां आएंगे 10 चीते
भोपाल। दक्षिण अफ्रीकी चीतों की मौत के चलते कूनो में चीता सफारी अब तक शुरू नहीं हो पाई है, लेकिन गांधीसागर में इससे पहले चीता सफारी शुरू हो जाएगी। तैयारी अंतिम चरण में है। दक्षिण अफ्रीका से हुए करार के मुताबिक दिसंबर में 10 चीतों की नई खेप आनी है। डीएफओ संजय रायखेरे का कहना है कि 17 करोड़ रुपए से फेंसिंग का काम चल रहा है। नवंबर में हम चीतों की अगवानी के लिए तैयार होंगे। गांधीसागर में सफारी भी होगी।
हालांकि, कुछ ही दिन पहले मप्र के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ पद से हटाए गए जसबीर सिंह चौहान कहते हैं कि तैयारियां एडवांस स्टेज में थीं। अब यह सरकार को तय करना है कि गांधीसागर में चीते कूनो से भेजें या दूसरी किस्त में आने वालों को भेजा जाए। गांधीसागर में चीते बसाने की तैयारी दो साल से चल रही थी।
चीतों को भोजन की चिंता थी, वह भी दूर
गांधीसागर क्षेत्र में अन्य वन्यजीवों के साथ 15 तेंदुए भी हैं। चीता लाने की बात शुरू हुई तो सबसे पहले यही चिंता थी कि दोनों एक ही जंगल में सर्वाइव कर पाएंगे या नहीं। इस बीच कूनो से सबक मिला कि वहां तेंदुओं की मौजूदगी के बीच चीतों को भोजन का कोई संकट नहीं आया। डीएफओ के अनुसार तेंदुओं के साथ चीतों के भी भोजन का पर्याप्त इंतजाम कर लिया है। यहां 266 चीतल लाए जा चुके हैं। 150 से अधिक नीलगाय और इतने ही चिंकारा हैं।
कूनो में 5 चीते, 3 शावकों की मौत
पीएम मोदी ने पिछले साल अपने जन्मदिन पर नामीबिया के 8 चीतों को कूनो में छोड़ा था। इसके बाद 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से आए। कुल 20 चीतों में से 5 की मौत हो चुकी है, जबकि यहीं पैदा हुए 4 में से तीन शावकों की मौत हो चुकी है।
भोपाल
कूनो से शिफ्ट नहीं होंगे चीते
- 28 Jul 2023